सावधान, ये साफ्टवेयर हैक कर लेगा आपका डाटा, इस तरह बरतें सावधानी Moradabad News
वायरस साफ्टवेयर ने एक बार फिर उड़ाई लोगों की नींद। यह सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर फाइल को कर देता है करप्ट मांगता है रकम।
मुरादाबाद, जेएनएन। रैंसमवेयर एक ऐसा हैकिंग साफ्टवेयर है जिसके नाम से शायद ही कोई अनभिज्ञ हो। इस ग्लोबल साइबर अटैक से पूरी दुनिया हलकान रही। अब एक बार फिर इस हैकिंग सॉफ्टवेयर ने हरकत तेज कर दी है। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। आपकी छोटी सी चूक से आपका डाटा हैक हो सकता है।
खुद हो जाता है डाउनलोड
दरअसल, रैंसमवेयर साफ्टवेयर एक ऐसा हैकिंग साफ्टवेयर है जो हमारे कम्प्यूटर सिस्टम पर खुद डाउनलोड हो जाता है। इसके बाद सिस्टम में मौजूद सारे डाटा को करप्ट कर देता है। ऐसे में आपकी डाटा फाइल नहीं खुलती। इसके बाद हैकर मेल कर फाइल दोबारा खोलने के बदले में न्यूनतम तीन सौ से छह सौ डॉलर तक की मांग रखता है। यह धनराशि अदा करने के बाद आप दोबारा डाटा वापस पा सकते हैं। यह भी जरूरी नहीं है कि पूरा डाटा आपको वापस मिले। अवैध वेबसाइटों को सर्च करने पर इस सॉफ्टवेयर के डाउनलोड होने की सबसे ज्यादा आशंका रहती है।
हाल में ही शहर में कई मामले आए सामने
एमआइटी में कम्प्यूटर साइंस के असिस्टेंट प्रो. विकास भटनागर ने बताया कि हाल में ही रैंसमवेयर साफ्टवेयर से हैंकिग के तीन मामले सामने आए है। इसमें कम्प्यूटर के डाटा को हैक कर दोबारा डाटा पाने के लिए तीन सौ डॉलर की डिमांड की गई है। उन्होंने बताया कि अभी तक बड़ी कंपनियों के सिस्टम में ऐसे मामले सामने आते थे, लेकिन अब आम आदमी भी इसका शिकार हो रहा है।
अभी तक नहीं निकला है कोई तोड़
इस साफ्टवेयर से बचने का अभी तक कोई तोड़ नहीं निकला है। जानकार बताते है कि कोई एंटीवायरस भी इस साफ्टवेयर पर काम नहीं करता।
खतरनाक वायरस से बचने के लिए जरूरी बिंदु
समय-समय पर अपना मोबाइल और कम्प्यूटर सिस्टम अपडेट करें। सिस्टम अपडेट का संदेश जब भी आए तो उसे नजरंदाज न करें। अपने डाटा का बैकअप लेकर जरूर रखें। मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से ही एप डाउनलोड करें। पायरेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल न करें। साइबर सिक्योरिटी को लेकर जागरूक रहें।
इस हैकिंग सॉफ्टवेयर से बचने का सबसे सही उपाय है कि हम अवैध वेबसाइटों को सर्च न करें। जागरूक रहें, सिस्टम अपडेट को नजरंदाज न करें।
- विकास भटनागर, असिस्टेंट प्रोफेसर, कम्प्यूटर साइंस, एमआइटी