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Azam Khan Release: रामपुर में आजम खां बोले- हमारी तबाहियों में अपनों का हाथ, फर्जी केस कराने वाले मुकदमा हार गए

आजम ने कहा कि दारोगा ने जेल में हमारे बयान लिए तो कहा कि आपने शहर बहुत खूबसूरत बनाया है। यूनिवर्सिटी बहुत खूबसूरत बनवाई है लेकिन आप के खिलाफ मुकदमे बहुत ज्यादा हैं इसलिए जमानत पर छूटने के बाद भूमिगत रहिएगा वरना आप का एनकाउंटर कराया जा सकता है।

By Vivek BajpaiEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 06:32 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 11:01 PM (IST)
Azam Khan Release: रामपुर में आजम खां बोले- हमारी तबाहियों में अपनों का हाथ, फर्जी केस कराने वाले मुकदमा हार गए
आजम खां ने रामपुर पहुंचकर मीडिया से भी बात की

रामपुर, जेएनएन। जेल से छूटने के बाद शहर विधायक आजम खां ने कहा कि हमारी बर्बादी में अपनों का ही हाथ है। हमें किसी से कोई शिकवा नहीं है। शुक्रवार शाम अपने आवास पर मीडिया से वार्ताा के दौरान यह बात कही। जेल में बिताए दिनों के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे ऊपर बहुत जुल्म हुए हैं। कच्ची दाल के पानी से रोटी मिलती थी। कोराेना महामारी से हालत बहुत खराब हो गई थी। हम जिस वार्ड में थे, उसमें रोज मौतें हो रही थीं। हमारे ऊपर, हमारे परिवार के ऊपर, हमारे लोगों के ऊपर हजारों फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।

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उन्होंने कहा कि दारोगा ने जेल में हमारे बयान लिए तो कहा कि आपने शहर बहुत खूबसूरत बनवाया है। यूनिवर्सिटी बहुत खूबसूरत बनवाई है, लेकिन आप के खिलाफ मुकदमे बहुत ज्यादा है, इसलिए जमानत पर छूटने के बाद भूमिगत रहिएगा, वरना आप का एनकाउंटर कराया जा सकता है। उन्होंने अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव से नाराजगी के सवाल पर कहा कि हमें किसी से कोई शिकवा नहीं है। जेल में हमसे जो मिलने गया उसका शुक्रिया और जो नहीं गया उसका भी शुक्रिया।

सपा के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात न करने के सवाल पर बोले, उस दिन हमारी तबीयत खराब थी। हमारी तबाही में अपनों का ही हाथ है। हमारे खिलाफ जमीन कब्जाने के सबसे पहले आठ मुकदमे दर्ज कराए गए। इन जमीनों के हमने चैक के जरिए भुगतान करा दिए थे। फिर भी मुकदमे कराए गए। वे लोग कोर्ट में मुकदमा भी हार गए थे। हमने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के दौरान जज साहब से कहा था कि ऊपर वाले ने आपकों ताकत दी है, इस कुर्सी पर बिठाया है। इंसाफ कीजिए। सुप्रीम कोर्ट ने हमारे हक में ऐसे फैसले किए हैं कि पहले न्याय पालिका के इतिहास में ऐसे फैसले नहीं हुए। हमने शिक्षा के मिशन को बढ़ावा दिया और यूनिवर्सिटी कायम कराई, लेकिन यूनिवर्सिटी को ही बर्बाद करने की साजिश की गई। यूनिवर्सिटी हमेशा बुलंद रहेगी। कहीं ऐसा तो नहीं कि मुसलमानों को उनके राइट आफ बोर्ड की सजा मिल रही है। इस बारे में हम देबवंद, बरेली और मुबारकपुर के लोगों से बात करेंगे कि कहीं यह हमारी बर्बादी की वजह तो नहीं है। मैं पहला बदनसीब शख्स हूं, जो मेरा नाम चुनाव के दौरान माफिया की लिस्ट में सबसे ऊपर था। उसके बाद मुख्तार अंसारी और अतीक का नाम था, जबकि हमारी 40 साल की सियासत में कभी ऐसा नहीं हुआ कि कभी कोई हमारी गाड़ी से भी कोई टकराया हो। न जाने सरकार हमसे इतनी घृणा क्यों कर रही है। लोकसभा उप चुनाव को लेकर बोले, हम तो चुनाव लड़ेंगे नहीं और हमारी सेहत भी ठीक नहीं है।


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