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सेना पर विवादित बयान देने के मुकदमे में आजम खां को राहत Rampur News

फिलहाल न्यायालय द्वारा इस मुकदमे में सांसद के खिलाफ वारंट जारी नहीं किए जाएंगे लेकिन मुकदमे की सुनवाई चलती रहेगी। अब मुकदमे में लगी चार्जशीट पर 11 फरवरी को बहस होगी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 07:20 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 06:12 PM (IST)
सेना पर विवादित बयान देने के मुकदमे में आजम खां को राहत  Rampur News
सेना पर विवादित बयान देने के मुकदमे में आजम खां को राहत Rampur News

रामपुर, जासं । सेना पर विवादित बयान देने के मुकदमे में सांसद आजम खां को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। सोमवार को इस मामले में भी सुनवाई हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राम औतार ङ्क्षसह सैनी ने बताया कि सांसद के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के आदेश की छाया प्रति स्थानीय न्यायालय में प्रस्तुत की है। न्यायालय ने मूल आदेश पेश करने के लिए सात दिन का समय दिया है। 

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मुनादी के बाद भी कोर्ट मेें हाजिर नहीं हुए थे  आजम 

धोखाधड़ी के मुकदमे में मुनादी कराने के बाद भी सांसद आजम खां कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे। धोखाधड़ी का यह मुकदमा सांसद के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र से संबंधित है। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने पिछले साल जनवरी माह में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि सांसद और उनकी पत्नी ने बेटे के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए हैं। जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए सांसद और उनकी पत्नी ने शपथ पत्र देकर गलत तथ्य पेश किए हैं। पुलिस ने इस मुकदमे में सांसद, उनकी पत्नी विधायक तजीन फात्मा और बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मामले की जांच पड़ताल करने के बाद पुलिस ने अप्रैल 2019 में तीनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इसके बाद से ही अदालत में मुकदमा विचाराधीन है। इस मुकदमे में तीनों न तो कोर्ट में हाजिर हुए और न ही जमानत कराई। इस पर अदालत ने तीनों के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया शुरू करते हुए धारा 82 के नोटिस जारी किए थे। नौ जनवरी को पुलिस ने सांसद के घर के आसपास मुनादी भी कराई थी। शुक्रवार को मुकदमे की सुनवाई हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राम औतार सिंह सैनी ने बताया कि तीनों आरोपितों में कोई भी कोर्ट नहीं पहुंचा। अदालत ने पिछली सुनवाई पर कुर्की से पहले धारा 82 के नोटिस जारी किए थे। यह नोटिस पुलिस ने नौ जनवरी को तामील करा दिए थे। इस नोटिस के बाद आरोपितों के पास एक माह का समय होता है। यदि उस दौरान वह कोर्ट में हाजिर नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने आरोपितों को हाजिर होने के लिए 11 फरवरी तक का समय दिया है।


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