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छजलैट व‍िवाद में आजम और अब्दुल्ला को कोर्ट से लगा झटका, डिस्चार्ज का प्रार्थना पत्र खारिज

छजलैट थाना क्षेत्र में साल 2008 में दर्ज किया गया था मुकदमा। एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी के दौरान दाखिल गया था डिस्चार्ज का प्रार्थना पत्र। अदालत ने इस मुकदमे की सुनवाई के लिए छह जनवरी 2021 की तारीख तय की है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 24 Dec 2020 12:45 PM (IST)Updated: Thu, 24 Dec 2020 12:45 PM (IST)
छजलैट व‍िवाद में आजम और अब्दुल्ला को कोर्ट से लगा झटका, डिस्चार्ज का प्रार्थना पत्र खारिज
अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मुरादाबाद, जेएनएन। एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरोपित सांसद आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला के डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में छजलैट थाने में दर्ज किए गए मुकदमे को लेकर यह प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। लेकिन, अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

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बुधवार को अदालत ने इस प्रार्थना पत्र पर विचार करने के बाद उसे खारिज करने के साथ ही आगे की कार्रवाई का आदेश जारी किया है। कोर्ट के इस फैसले से आरोपित पिता-पुत्र को बड़ा झटका लगा है। सीतापुर जेल में बंद रामपुर के सांसद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ ही कुल नौ सपा नेताओं के खिलाफ छजलैट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। साल 2008 में पुलिस के द्वारा आजम खां का वाहन चेक करने के विरोध में सपा नेताओं ने हरिद्वार हाईवे को जाम कर दिया था। इस मामले में पिता-पुत्र के साथ ही मौजूदा देहात विधायक हाजी इकराम कुरैशी, अमरोहा देहात से विधायक महबूब अली, बिजनौर के नूरपुर से विधायक नईमुल हसन, नगीना से विधायक मनोज पारस के साथ ही राजेश यादव, राजकुमार प्रजापति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। कोर्ट में लगातार गैरहाजिर रहने के कारण कोर्ट ने आरोपित सांसद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम का नाम केस से पृथक करते हुए अलग से सुनवाई शुरू कर दी थी। मंगलवार को कोर्ट में आरोपित पक्ष के अधिवक्ता शहनवाज सिब्तेन ने इस मामले अदालत के सामने डिस्चार्ज का प्रार्थना पत्र सौंपते हुए कहा था, कि जिन धाराओं में इस मुकदमे का दर्ज किया गया है, उनका कोई साक्ष्य किसी के पास नहीं है। वहीं अपर शासकीय अधिवक्ता कौशल गुप्ता ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा था कि पुलिस के पास इस घटना के पर्याप्त सुबूत है। एमपी-एमएलए कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीत गुप्ता ने डिस्चार्ज के प्रार्थना पत्र पर दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को कोर्ट ने इस प्रार्थना पत्र को खारिज करने का आदेश दिया। अदालत ने इस मुकदमे की सुनवाई के लिए छह जनवरी 2021 की तारीख तय की है।


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