इलेविन आर्चिड के पार्टनर से दस करोड़ की रंगदारी मांगी,पूर्व विधायक समेत तीन पर धमकाने का आरोप Moradabad News
पूर्व सांसद डीपी यादव के परिवार से जुड़ा है मामला। ठाकुरद्वारा के पूर्व विधायक समेत तीन पर धमकाने का आरोप। एसएसपी को दी मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर।
मुरादाबाद,जेएनएन। दिल्ली रोड स्थित इलेविन आॢचड हाउसिंग सोसायटी के पार्टनर ने पूर्व सांसद डीपी यादव के करीबियों पर दस करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया है। एसएसपी ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है।
सोसाइटी के पार्टनर अनिल तोमर मझोला के मानसरोवर कालोनी के रहने वाले हैं। एसएसपी से शिकायत करके उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी, एक फर्म स्वदेशी कंस्ट्रक्शन कंपनी और इलेविन बिल्ड कॉम प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर मैसर्स इलेविन आॢचड ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनाई थी। तय हुआ था कि प्रोजेक्ट के लिए जमीन भारत कंस्ट्रक्शन और स्वदेशी कंस्ट्रक्शन के नाम से क्रय की जाएगी। पांच बैनामों के माध्यम से जमीन खरीदी गई। चार बैनामे स्वदेशी और एक बैनामा संयुक्त रूप से भारत और स्वदेशी कंस्ट्रक्शन के नाम से करवाया गया। तीसरी फर्म इलेविन बिल्डकॉम के नाम से कोई जमीन नहीं खरीदी गई। उनके द्वारा कहा गया कि प्रोजेक्ट को वह डेवलप करेंगे। आरोप है कि प्रोजेक्ट शुरू होने पर स्वदेशी कंस्ट्रक्शन द्वारा कोई खर्चा नहीं किया गया। सारा पैसा प्रार्थी द्वारा ही लगाया गया। कुछ समय बाद इलेविन बिल्ड कॉम भी अपने खर्चे के अनुसार प्राफिट लेकर फर्म से रिटायर हो गए। पूरे प्रोजेक्ट को प्रार्थी के पक्ष में छोड़ दिया गया। स्वदेशी कंस्ट्रक्शन ने भी अकाउंट के माध्यम से अपना हिसाब कर लिया। इस दौरान स्वदेशी कंस्ट्रक्शन के पक्ष में 68,66,997 रुपए अधिक चले गए। अनिल तोमर ने एसएसपी को बताया कि तभी से इस प्रोजेक्ट को मैं चला रहा हूं। 20 मई को प्रोजेक्ट पर ठाकुरद्वारा निवासी पूर्व विधायक विजय यादव अपने साथियों के साथ मेरे पास पहुंचे। उन्होंने दस करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी। पूछताछ करने उन्होंने पूर्व सांसद डीपी यादव के बेटे कुणाल यादव और उनके करीबी से फोन पर बात करवाई। रंगदारी नहीं देने पर सभी को जान से मारने की धमकी देकर चले गए। 23 मई और फिर 29 मई को विजय यादव ने फिर से धमकी दी। एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि शिकायत मिली है। लेनदेन का विवाद बताया जा रहा है। मझोला पुलिस को जांच कर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं। उधर, प्रभारी निरीक्षक मझोला राकेश कुमार सिंह ने बताया कि डीपी यादव समेत दो लोग सोसाइटी में 80 फीसद से अधिक के पार्टनर थे। लेनदेन का विवाद है। रंगदारी मांगने वाली बात में कोई सच्चाई नहीं है।
अनिल तोमर कंपनी ठेकेदार की हैसियत से आए थे। धोखाधड़ी करके कमाई कर ली और कंपनी में पार्टनर हो गए। हमारी कंपनी के ज्यादातर लोग बाहर रहते थे। इन्होंने वहां अवैध निर्माण करना शुरू कर दिया। बिना मर्जी इन्होंने पावर से बाहर जाकर रजिस्ट्री करा दीं। हम लोगों के संज्ञान में यह बात आई तो रजिस्ट्री रुकवा दीं। जनवरी में दिल्ली में बातचीत हुई थी। लॉकडाउन में अवैध तरीके दुकानें बनाने लगे। 29 मई को दुकानों का निर्माण रुकवाने के लिए पुलिस को तहरीर दी थी। तभी से वे बौखला गए हैं। सोसाइटी में हमारा भी मकान है, तो आना जाना लगा रहता है। अनिल के साथ मीटिंग हुई थी, उनके सभी आरोप झूठे हैैं।
विजय यादव, पूर्व विधायक