कांठ विवाद में मुकदमा वापसी के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल, आठ को होगी सुनवाई
अपर शासकीय अधिवक्ता ने एमपी-एमएलए कोर्ट में शासनादेश के साथ प्रार्थना पत्र किया दाखिल। कांठ विवाद में भाजपा नेताओं के साथ पंचायतीराज मंत्री व नगर विधायक भी हैं आरोपित। अदालत ने अभी तक किसी भी मामले में मुकदमा वापसी के लिए निर्णय नहीं लिया है।
मुरादाबाद, जेएनएन। राज्य सरकार ने कांठ विवाद मामले में भाजपा नेताओं से मुकदमा वापसी के संबंध में फिर शासनादेश भेजा है। इस नए शासनादेश में भाजपा नेताओं पर दो गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमा वापसी के लिए सिफारिश भेजी गई है। एमपी-एमएलए कोर्ट में अपर शासकीय अधिवक्ता ने इस मामले में कोर्ट में शासनादेश के साथ प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। हालांकि कोर्ट ने इस मामले में अभी कोई संज्ञान नहीं लिया। लेकिन कोर्ट ने पूर्व प्रचलित कांठ मुकदमे की सुनवाई के लिए आठ जनवरी की तारीख दी है।
एमपी-एमएलए कोर्ट में कांठ विवाद के आरोपित पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह व नगर विधायक रितेश गुप्ता के साथ अन्य भाजपा नेताओं की कोर्ट में पेशी होनी थी। लेकिन कचहरी में शोक घोषित होने के कारण इस मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। हालांकि अपर शासकीय अधिवक्ता मुनीष कुमार भटनागर ने इस मामले में 14 दिसंबर 2020 को उत्तर प्रदेश शासन के उप-सचिव अरूण कुमार राय के द्वारा भेजे गए मुकदमा वापसी के शासनादेश के साथ प्रार्थना पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। राज्यपाल के निर्देशानुसार कांठ थाने में दर्ज मुकदमा संख्या 190/2014 राज्य बनाम हरमीत आदि से मुकदमा वापस लेने का आदेश भेजा गया है। इस आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस मुकदमे में धारा-348 व 120 बी की धाराओं से आरोपितों का नाम हटाने की संस्तुति प्रदान करते हुए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि इस मुकदमे साल साल 2017 से तीन शासनादेश आ चुके हैं, जिनमें मुकदमा वापसी के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। लेकिन अदालत ने अभी तक किसी भी मामले में मुकदमा वापसी के लिए निर्णय नहीं लिया है। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट इस मामले की सुनवाई के साथ ही मुकदमा वापसी के संबंध में आगामी आठ जनवरी को सुनवाई करेगी।