हाथरस कांड से महिलाओं में गुस्सा, बोलीं- जुल्म को रोकने के लिए होना चाहिए सख्त कानून
महिलाओं ने दुष्कर्म आरोपितों को फांसी की सजा देने की मांग की। लाइनपार में संगठन ने मोमबत्तियां जलाकर दी पीड़िता को श्रद्धांजलि। कहा-कब तक बेटियां जुल्म का शिकार होती रहेंगी। लगातार हो रही घटनाओं से सरकार नहीं ले रही सबक।
मुरादाबाद, जेएनएन। हाथरस में दुष्कर्म के बाद युवती की हत्या को लेकर महिला संगठनों ने गुस्से का इजहार किया है। महिलाओं ने ऐसे आरोपितों को सख्त सजा देने की मांग की है। बताया गया कि आरोपितों को ऐसी सजा दी जाए जो समाज के लिए नजीर बने। सरकार को ऐसा कानून बनाया जाए कि दुष्कर्म आरोपितों को जल्द बहस के बाद सजा सुना दी जाए। इससे दुष्कर्म की घटनाओं में कमी आएगी। नारी शक्ति सुरक्षित महसूस करेगी।
दिन प्रतिदिन ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में आवश्यक है कि एक कठोर नियम बने। जिसका सख्ती के साथ पालन कराया जाए। नियम का पालन नहीं करने वालों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। जिससे कोई भी महिला किसी राक्षस का शिकार न हो।
बबीता मेहरोत्रा, दीन दयाल नगर
आरोपितों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। हालांकि सरकार काफी सख्ती दिखा रही है लेकिन, इसके बावजूद गुनहगार दुष्कर्म करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसलिए ऐसे गुनहगारों को जल्द और सख्त सजा दी जानी चाहिए।
अनुप्रिया सक्सेना
समाज में इस तरह की घटनाएं शर्मनाक हैं। बेटी चाहे दलित की हो या सवर्ण की, उनकी मान मर्यादा की रक्षा करना समाज और पुलिस का दायित्व है। अगर पुलिस प्रशासन भी अपराधियों का साथ देंगे तो बहू बेटियों की रक्षा के लिए कहां गुहार लगाई जाएगी।
ज्योत्सना गुप्ता, गोविन्द नगर
इंडिया में जब तक सख़्त क़ानून ऐसे गंदे जुर्मों के लिए नहीं होंगे तब तक ये सब ऐसे ही होता रहेगा। इंसाफ मिलेगा तो न्याय के लिए नारी शक्ति सड़कों पर नहीं आएगी।
पूजा अग्रवाल, टीडीआइ सिटी
मेरी राय में इस हादसे की एजेंसी द्वारा निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। आरोपितों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जाए। समाज में ऐसे दुष्कर्मियों को दूसरे देशों की तर्ज पर सजा दी जाए। जिससे उन लोगों में खौफ हो।
नेहा कोठीवाल, कांठ रोड
मोमबत्ती जलाकर दी श्रद्धांजलि
बुधवार की शाम ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन की ओर से बुद्धि विहार गोल चक्कर के पास हाथरस की दुष्कर्म पीड़िता को श्रद्धांजलि दी गई। इसमें दुष्कर्म करने वाले आरोपितों को फांसी की सजा देने की मांग की गई। इसमें रामेश्वरी, पूनम, निर्मला, आशा, मेघा, पिंकी, स्वदेश कुमारी, ओमलता, भावना सिंह रहीं।