आरटीओ में तैनात एमटेक कंपनी का सुपरवाइजर चला रहा था फर्जी नंबर की कार
आरटीओ ऑफिस में तैनात एमटेक कंपनी के सुपरवाइजर अंकित चौधरी छह माह से फर्जी कागजात पर कार चला रहे थे। दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश करते हुए अंकित को हिरासत लेकर कार को कब्जे में ले लिया। बाद में अंकित को छोड़ दिया।
मुरादाबाद : आरटीओ ऑफिस में तैनात एमटेक कंपनी के सुपरवाइजर अंकित चौधरी छह माह से फर्जी कागजात पर कार चला रहे थे। दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश करते हुए अंकित को हिरासत लेकर कार को कब्जे में ले लिया। बाद में अंकित को छोड़ दिया। अंकित दावा कर रहे है कि उन्होंने कार को चार लाख दस हजार में खरीदा था।
छह माह से फर्जी नंबर पर कार चला रहा था अंकित
दिल्ली की चाणक्यपुरी क्राइम ब्रांच के एएसआइ गुलाब सिंह शनिवार को सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी जय प्रकाश के पास पहुंचे। उन्होंने कार यूपी 21 बीसी 1407 का पंजीयन रिकार्ड मांगा। रिकार्ड में वर्ष 2015 में एम अहमद पुत्र अनिस अहमद निवासी चौधरियान कांठ मुरादाबाद के नाम कार का पहली बार पंजीकरण हुआ था। यह कार तीन साल में छह लोगों को बेची, जो आरटीओ के रिकार्ड में दर्ज है।
आरटीओ ऑफिस में कार के बारे में कोई नहीं जान पाया
जून माह में एमटेक कंपनी के सुपरवाइजर अंकित चौधरी ने 4.10 लाख में खरीदने की बात कही है। अंकित से मिली कार का चेसिस व इंजन नंबर बदला हुआ था। इसके अलावा यूपी 21 बीसी 1407 के नंबर चलते हुए कार दिल्ली व नोएडा में दिल्ली पुलिस ने बरामद की। क्राइम ब्रांच एएसआई ने यूपी 21 बीबी-4543 का रिकार्ड मांगा है, इस नंबर से चल कार भी चोरी की है। यह कार भी एम अहमद निवासी चौधरियान कांठ मुरादाबाद के नाम से पंजीकृत हुई थी, जो चार बार बिक चुकी है।
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने कार कब्जे में ली, की थी पूछताछ
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने वाहन चोरों के गिरोह को पकड़कर पूरे मामले का पर्दाफाश किया था। साथ ही अंकित के बयान दर्ज कर कार को अपने साथ ले गए।