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Amroha Hariom Murder case : पत्‍नी ने दी थी पति की हत्‍या की अनुमति, भाई और बहनोई ने गला दबाकर मार डाला

Amroha Hariom Murder case गलत संगत में पड़कर पति सब कुछ बेचने पर आमादा था। उसकी हरकतों से आजिज आकर पत्‍नी और अन्‍य दो लोगों ने उसकी हत्‍या की साजिश रच डाली।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 07:24 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 07:24 PM (IST)
Amroha Hariom Murder case : पत्‍नी ने दी थी पति की हत्‍या की अनुमति,  भाई और बहनोई ने गला दबाकर मार डाला
Amroha Hariom Murder case : पत्‍नी ने दी थी पति की हत्‍या की अनुमति, भाई और बहनोई ने गला दबाकर मार डाला

अमरोहा, जेएनएन। Amroha Hariom Murder case। हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के सोहरका गांव में 27 अगस्त की रात को हुई हरिओम उर्फ शेरू की हत्या से बुधवार को पुलिस ने पर्दा हटा दिया है। पत्नी, भाई व बहनोई ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ के बाद पुलिस ने चालान कर दिया है। सीओ सतीश चंद पाण्डेय ने कोतवाली में प्रेसवार्ता कर घटना का राजफाश किया।

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बकौल पुलिस हरिओम उर्फ शेरू गलत संगत में पड़ कर शराब पीने एवं जुआ खेलने का आदी हो गया था। बुग्गी, इंजन, भैंस तथा खेती की कुछ जमीन भी बेच दी थी और मकान को बेचने की तैयारी कर रहा था। पत्नी चंपा देवी शराब पीने एवं जुआ खेलने का विरोध करती थी तो वह पत्नी व बच्चों के साथ मारपीट करता था। 27 अगस्त की शाम को भी उसने पत्नी चंपा देवी को शराब के नशे में बुरी तरह पीटा था। जेठ पान सिंह व जेठानी ने किसी तरह से बीच बचाव किया। हरिओम उर्फ शेरू की हरकत से तंग आकर उसके बडे़ भाई पान सिंह व थाना गजरौला के गांव फिरोजपुर गड़ावली निवासी बहनोई जगदीश ने पत्नी चंपा देवी से अनुमति लेकर रात को करीब एक बजे रस्सी से गला घोटकर हत्या कर दी थी। आरोपितों द्वारा जुर्म का इकबाल करने पर मुकदमा कायम कर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त बाइक व रस्सी बरामद कर चालान कर दिया है।

राजफाश करने में यह रहे शामिल

प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार, वरिष्ठ उप निरीक्षक संजय कुमार, उप निरीक्षक गजेंद्र पाल शर्मा, कांस्टेबल अंकुर कुमार, हर्षित कुमार, नितिन कुमार, शाहरूख अली तथा महिला कांस्टेबल विमलेश शामिल रहीं।

बाइक न फिसलती तो मुश्किल हो जाता इंसाफ

हरिओम उर्फ शेरू की हत्या उसके अपनों के हाथों ही की गई थी। हत्या करने के बाद शव गंगा में फेंकने जा रहे थे। रास्ते में बाइक फिसलने से शव बाइक से गिर गया। उधर किसान फसल की सिंंचाई कर रहे थे। जिसकी वजह से वह शव को रास्ते में ही पड़ा छोड़कर फरार हो गए। अगर शव गंगा में फेंक आते तो इंसाफ मिलना मुश्किल था।


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