अमृतसर हादसे की दहशत : मुरादाबाद में आधा ही जला रावण का पुतला, मची भगदड़
अमृतसर में दहशरा मेले के पास हुए दर्दनाक हादसे के बाद मुरादाबाद में पुलिस व प्रशासन अत्याधिक सतर्क नजर आया। हालत यह रही कि रावण का पुतला भी पूरा नहीं जल सका।
मुरादाबाद (जेएनएन)। अमृतसर में रावण दहन कार्यक्रम में हुए दर्दनाक हादसे से स्थानीय प्रशासन अति सतर्क नजर आया। नतीजा यह रहा है रामलीला मैदान में रावण का पतला आधा ही जल सका।मझोला के रामलीला मैदान में दशहरा उत्सव में रावण का 80 फीट ऊंचा पुतला बनाया गया था।
मेले में हजारों लोगों की भीड़ भी जुटी थी। रामलीला के मंचन के साथ ही जब रावण दहन के लिए श्रीराम ने तीर छोड़ा तो जयकारों से रामलीला मैदान गूंज उठा। अग्नि बाण रावण के पुतले को लगा तो, लेकिन वह पूरी तरह से नहीं जल सका। अधजले पुतले को फायर कर्मियों ने गिरा दिया और पानी की बौछार कर दी। यही नहीं पुतला गिरने पर टूटी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भी पानी की बौछार का प्रयोग किया।
रेल लाइनों से गुजरती है भीड़
रामलीला मैदान में होने वाले रावण दहन मेले में जाने के लिए भीड़ कपूर कंपनी पुल के नीचे रेलवे लाइन क्रास करती है। पुलिस ने हादसे के बाद मेले से आते लोगों को लाइनों से नहीं निकलने दिया। लाइनपार स्थित रामलीला मैदान में महानगर का सबसे बड़ा दशहरा मेला होता है। रावण दहन देखने जाने वालों के लिए कपूर कंपनी पुल बना है। पुल की चौड़ाई कम होने से पुल पर चलना मुश्किल हो जाता है। लोग पुल के बजाय रेल लाइनों को क्रास करके निकलने लगते हैं। इस दौरान रेल प्रशासन कपूर कंपनी के पास चालकों को सावधानी से ट्रेन चलने का निर्देश जारी करता है और टे्रनें धीमी करते गुजारी जाती हैं।
रेलवे में अलर्ट, स्टेशन पर अधिकारी तैनात
अमृतसर की घटना के बाद मंडल रेल प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। इसके बाद मुरादाबाद समेत सभी प्रमुख स्टेशनों पर अधिकारी तैनात किया है। मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि कपूर कंपनी पुल के नीचे विशेष सुरक्षा की व्यवस्था की है। ट्रेन चालकों को आदेश दिए हैं कि जहां भी रेल लाइन के आसपास भीड़ दिखाई दे, तो हार्न बजाने के साथ ट्रेनों की गति धीमी किया जाए।
39 साल पुराना हादसा आया याद
अमृतसर हादसे को देखकर लोगों के जहन में 39 साल पहले कपूर कंपनी पुल पर हुई भगदड़ की याद ताजा हो गई। वर्ष 1979 में लाइनपार कर रामलीला मैदान जाने के लिए पुल संकरा था। शहर के अलावा आसपास के गांवों के लोग रावण दहन के बाद कपूर कंपनी पुल से गुजर रहे थे। इस दौरान पुल टूटने की अफवाह फैलने से भगदड़ मच गई। घबराये लोग पुल से नीचे कूद गए जिससे कई लोगों की जान चली गई।
अपनों की चिंता में घनघनाए फोन
अमृतसर में हुए हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। हादसे के बारे में जिसने भी सुना, सहम सा गया। लोगों को अपनों की चिंता सताने लगी, जो जिस हाल में था। अपनों का हालचाल लेता रहा। पूछ रहा था कि रावण का मेला कहां देखने गए हो। शहर के रहने वाले सचिन सिंह ने बताया कि मेला देखने लाइनपार गया था। अचानक से पापा का फोन आया। वह पूरी तरह से घबराए हुए थे। वह कुशलक्षेम पूछने लगे और घर आने के लिए कहा। मनोज भारद्वाज ने बताया कि बच्चों को मेला घुमाने ले गया था, पत्नी ने फोन कर हाल चाल लिया। उन्होंने घर वापस लौटने के लिए कहा।