रामपुर के मैंथा से दवा और सैनिटाइजर बनाएंगे अमेरिका व इटली Rampur News
कोरोना संक्रमण से जूझ रहे देशों में बढ़ी डिमांड। निर्यातकों को मिल रहे आर्डर प्रशासन से मांगी अनुमति। लॉकडाउन से व्यापारियों को भी उठाना पड़ रहा है भारी नुकसान।
रामपुर (मुस्लेमीन)। कोरोना से जूझ रहे देशों में मैंथा की डिमांड बढ़ गई है। अमेरिका, ब्राजील, इटली समेत कई देशों से रामपुर के मैंथा निर्यातकों को बड़े पैमाने पर आर्डर मिल रहे हैं। इससे कोरोना से बचाव के लिए दवा और सैनिटाइजर तैयार किया जाएगा लेकिन, लॉकडाउन के चलते निर्यातकों के सामने माल भेजने की समस्या आ रही है। इसके लिए प्रशासन से अनुमति मांग रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में रामपुर मैंथा निर्यात की सबसे बड़ी मंडी है। अकेले रामपुर से ही 1750 करोड़ रुपये का निर्यात होता है, जबकि पूरे प्रदेश से 3000 करोड़ और देश से 6500 करोड़ से अधिक का निर्यात किया जाता है। रामपुर के अलावा मुरादाबाद, चन्दौसी बाराबंकी, लखनऊ, दिल्ली आदि स्थानों से भी मैंथा का एक्सपोर्ट होता है लेकिन, यूपी में रामपुर सबसे आगे हैं। यहां दस हजार से ज्यादा किसान मैंथा की फसल उगाते हैं और टंकियों में इनका तेल निकालते हैं। इस काम में हजारों मजदूर भी किसानों के साथ लगे रहते हैं। यहां बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में मैंथा व पाउडर तैयार कर दुनियाभर में निर्यात किया जाता है।
कोरोना संक्रमण में खूब मिल रहे आर्डर
उत्तर प्रदेश मैंथा एक्सपोर्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु कपूर बताते हैं कि चीन को मैंथा पाउडर एक्सपोर्ट किया जाता है। जबकि अमेरिका, इटली, स्पेन, जर्मनी, ब्राजील आदि देशों को क्रिस्टल और मेंथॉल का निर्यात होता है। मैंथा उत्पादों का प्रयोग दवा बनाने में किया जाता है। साबुन और सैनिटाइजर में भी इसका इस्तेमाल होता है। अब दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप है तो डिमांड बढ़ गई है। अमेरिका, ब्राजील, इटली आदि देशों से आर्डर मिले हैं। अब सरकार भी निर्यात इकाइयों को चलवाना चाहती है। हमने प्रशासन से अनुमति मांगी है। आधा दर्ज अन्य निर्यात इकाइयों ने भी परमीशन के लिए आवेदन किया है। विक्स, खांसी के सीरप एवं दर्द निवारक दवा में इसका उपयोग होता है। स्वाति मेंथोल के चेरयमैन एसके गुप्ता का कहना है कि हमें अगर अनुमति मिलती है तो हम फैक्ट्री चलाएंगे और एक्सपोर्ट भी करेंगे। सरकार ने उन्हें सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस भी दे दिया है। उनकी फैक्ट्री में सैनिटाइजर बनाने का काम भी शुरू हो गया है।
शर्तों के साथ अनुमति
जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त एसके शर्मा का कहना है कि मैंथा इकाइयों को कुछ शर्तों के साथ अनुमति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इकाइयां कर्मचारियों की जान माल की सुरक्षा की जिम्मेदार होंगी। फैक्ट्री परिसर में उनके भोजन का इंतजाम करेंगी। सैनिटाइज भी कराएंगी और शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखेंगी।