दरगाह में पेश हुआ अजमेर शरीफ का गिलाफ, दिनभर मजार पर चला चादरपोशी का सिलसिला
शहंशाह ए मिस्र हजरत सुलतान मियां साहब के सालाना विसाली कुल में प्रमुख दरगाहों के सज्जादानशीन और अकीदतमंदों ने हाजिरी देने के साथ मुल्क की तरक्की और खुशहाली के लिए दुआ की।
मुरादाबाद । शहंशाह ए मिस्र हजरत सुलतान मियां साहब के सालाना विसाली कुल में प्रमुख दरगाहों के सज्जादानशीन और अकीदतमंदों ने हाजिरी देने के साथ मुल्क की तरक्की और खुशहाली के लिए दुआ की। दिनभर मजार पर चादरपोशी का सिलसिला चला तो मुरादें पूरी होने पर लोगों ने नाल भी लगाई।
मुहल्ला पीरगैब स्थित शहंशाह ए मिस्र हजरत सुलतान मियां साहब के साथ उर्स के चौथे दिन का आगाज सुबह कुरान ख्वानी से हुआ। अकीदतमंदों ने नज्र पेश करने के साथ ही मुरादें मांगी। शाम को शहर के आसपास से भी जायरीन ने दरगाह में हाजिरी दी और प्रमुख दरगाहों से गिलाफ भी पेश किया गया। सज्जादानशीन सैयद अली नईम चिश्ती ने बुजुर्गों की जिंदगी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के आस्ताने पर हाजिरी देने वालों की परेशानियां दूर हो जाती है। दरगाहों से ही भाईचारे का पैगाम दिया जाता है। इसके बाद विसाली कुल शरीफ की दुआ कराई गई। इसमें समाजवादी पार्टी सम्भल उम्मीदवार डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क, देहात विधायक हाजी इकराम कुरैशी, पूर्व मेयर डॉ. एसटी हसन, कांग्रेस पूर्व महानगर अध्यक्ष असद मौलाई, सज्जादानशीन सैयद सलामत मियां, दरगाह शाह मुकम्मल साहब के सज्जादानशीन सैयद शिब्ली मियां, सैयद अहमद कमाल उर्फ गुल्लू मियां, सैयद सरवर मियां, हयातुन्नबी खां, हाफिज इफ्तेखार हुसैन साबरी, इश्त्याक हुसैन बब्बू, सूफी इशरत साबरी, फहीम मिर्जा, हाजी नासिर कुरैशी के अलावा बड़ी तादाद में अकीतदमंद मौजूद रहे।
सुलतानी मस्जिद में अदा हुई जुमे की नमाज
शहंशाह ए मिस्र हजरत सुलतान मियां साहब की दरगाह मस्जिद में शुक्रवार को पहली बार जुमे की नमाज अदा की गई। सज्जादानशीन सैयद अली नईम चिश्ती ने बताया कि इस मस्जिद में ये पहला जुमा अदा हुआ है। विसाली कुल के दिन पहला जुमा होने से जायरीन में खुशी है।
जुलूस में मौला की आमद मरहबा के लगे नारे
खुदा के घर में और दोशे नबी पर, अली का मरतबा अल्लहु अकबर, मौला अली की आमद मरहबा। गुरुवार को मौलाए कायनात, मुश्किल कुशा हजरत हली अलैहिस्सलाम की यौमें विलादत पर शहर में जश्न मनाया गया। महफिलों के साथ ही जगह-जगह लंगर का अहतमाम किया गया। फैजगंज स्थित काशना ए नियाजिया में अमरोहा-रामपुर से आए कव्वालों ने हजरत अली की शान में कलाम सुनाकर समा बांध दिया। इसके बाद सैयद सलमान मियां नियाजी की कयादत में जुलूसे अली निकाला गया। जुलूस जीआइसी से शुरू होने के बाद जामा मस्जिद, इंद्राचौक, गलशहीद होते हुए दरगाह हजरत शाह मुकम्मल साहब की दरगाह पर मुकम्मल हुआ। यहां जुलूस का खैरमख्दम सज्जादानशनी सैयद शिबली मियां, सैयद सरवर मियां, सैयद अहमद कमाल उर्फ गुल्लू मियां ने किया।
मुल्क की खुशहाली के लिए कराई दुआ
सलातो सलाम के बाद मुल्क की खुशहाली और तरक्की के लिए दुआ कराई गई। इसमें सैयद जमील मियां, सैयद अम्मार मियां, फरीद हसन नियाजी, हसन नियाजी, निजाम हसन आदि बड़ी तादाद में अकीदतमंद शामिल रहे। वहीं मुहल्ला चौकी हसन खां अंडे वालान से भी हजरत अली के यौमे विलादत के मौके पर जुलूस सूफी नईम साबरी की कयादत में निकाला गया। ये जुलूस कोहना मुगलपुरा, नई सड़क, एस कुमार चौराहा, गोकुलदास रोड, मुफ्ती टोला, डॉ. शमीम चौराहा, फैजगंज होते हुए जीआइसी के मुख्य जुलूस में शामिल हुआ। इसमें मुहम्मद इमरान, फजील कुरैशी, आमिर अशरफी, अनस अशरफी के अलावा तमाम लोग शामिल रहे।
जुलूसे अली का स्वागत
मौला ए कायनात की विलादत के मौके पर निकाले गए जुलूस का शहर में जगह-जगह स्वागत किया गया। मुगल विला पर आजम नियाजी, खादिम हसनैन, मुजफ्फर हुसैन, दानिश वारसी, हैदर वारसी, साजिद हुसैन, हाफिज बनने की पुलिया पर यावर आलम, खिजर आलम, कमर आलम, गलशहीद पर हैरत मुरादाबादी, सिराज अशरफी, मेराज अशरफी रहे।
जगह-जगह लंगर तकसीम
मौला ए कायनात के यौमे विलादत के मौके पर शहर में शरबत और लंगर तकसीम किया गया। चौकी हसन खां में मुहम्मद फरीद, अकील, मुहम्मद आमिर, मुहम्मद शामिर, फहीम शाका, शादाब बब्बी, शहजाद पहलवान आदि ने तर्बरुक तकसीम किया। वहीं अंजुमन फैजान ए मुख्तार अशरफ की ओर से शरबत बांटा गया। इसमें हाजी खुर्शीद, शकील उर्फ बॉबी, इमरान आदि लोग शामिल रहे।