सांसद आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला के खिलाफ अब फर्जी शपथ पत्र से चुनाव लड़ने का मुकदमा
Sue on Abdullah son of MP Azam जन्मतिथि के विवाद में अब्दुल्ला की विधायकी रद हो चुकी है। अब्दुल्ला के हाईस्कूल के प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि भी दाखिल की गई थी जिसके हिसाब से उनकी उम्र नामांकन के दौरान 24 साल एक माह थी।
मुरादाबाद, जेएनएन। सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ अब फर्जी शपथ पत्र के जरिये चुनाव लड़ने का मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा रामपुर के स्वार कोतवाली क्षेत्र में राजस्व निरीक्षक सोमपाल सिंह की ओर से दर्ज किया गया है।
अब्दुल्ला आजम ने वर्ष 2017 में स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें वह जीत भी गए थे। लेकिन, चुनाव के समय ही उनकी उम्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। नामांकन के दौरान बसपा प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम है। वह चुनाव लड़ने योग्य नहीं हैं। लेकिन, निर्वाचन अधिकारी ने अब्दुल्ला का नामांकन पत्र खारिज नहीं किया, क्योंकि तब नवेद मियां कम उम्र होने का साक्ष्य पेश नहीं कर पाए थे और अब्दुल्ला ने शपथ पत्र देकर अपनी उम्र चुनाव लड़ने योग्य बताई थी। इसी शपथ पत्र को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत की गई थी। चुनाव आयोग ने रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए। स्वार के एसडीएम यमुनाधर चौहान ने बताया कि चुनाव आयोग ने रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। इसके तहत लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
विधायकी भी हो चुकी रद
जन्मतिथि के विवाद में अब्दुल्ला की विधायकी भी रद हो चुकी है। नवेद मियां ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उनकी उम्र कम बताई। उन्होंने अब्दुल्ला के हाईस्कूल के प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि भी दाखिल की, जिसके हिसाब से उनकी उम्र नामांकन के दौरान 24 साल एक माह थी। इसी आधार पर विधायकी रद कर दी गई। जन्म प्रमाण पत्र को लेकर भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने भी सांसद आजम खां, उनकी पत्नी शहर विधायक तजीन फात्मा और अब्दुल्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद पासपोर्ट और पैन कार्ड में भी गलत जन्म तिथि दर्ज कराने के दो अन्य मुकदमे दर्ज कराए। इस तरह अब्दुल्ला के खिलाफ जन्म तिथि से जुड़ा यह चौथा मुकदमा है। अब उनके खिलाफ मुकदमों की संख्या 44 हो गई है, जबकि आजम खां के खिलाफ 86 और उनकी पत्नी तजीन फात्मा के खिलाफ 34 मुकदमे दर्ज हैं। तजीन फात्मा 10 माह बाद सीतापुर जेल से जमानत पर बाहर आ चुकी हैं, जबकि आजम खां और अब्दुल्ला सालभर से जेल में हैं।
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