मुख्यमंत्री के करीबी राजीव कुमार पर विधानसभा चुनाव में भी हुई थी कार्रवाई
राजीव कुमार पश्चिम बंगाल में अब तक एडीजी सीआइडी पद पर तैनात थे। वह वर्ष 2016 में कोलकाता के कमिश्नर थे लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें चुनाव आयोग ने हटा दिया था।
सम्भल। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले चन्दौसी निवासी राजीव कुमार वर्ष 2016 में कोलकाता के कमिश्नर थे, लेकिन चुनाव में गड़बड़ी की आशंका के चलते उन्हें चुनाव आयोग ने उन्हें पद से हटा दिया था। उसके बाद जैसे ही तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री ने सबसे पहले उन्हें कोलकाता का कमिश्नर बना दिया था। तभी से वह मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते है। अब एक बार फिर चुनाव आयोग ने उन्हें एडीजी सीआइडी पद से हटा दिया है। ऐसे में तीन साल में ही ममता के करीबी के खिलाफ चुनाव आयोग ने दो बार कार्रवाई की है।
चन्दौसी के मुहल्ला सीता रोड निवासी राजीव कुमार पश्चिम बंगाल में अब तक एडीजी सीआइडी पद पर तैनात थे। वह वर्ष 2016 में कोलकाता के कमिश्नर थे, लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें चुनाव आयोग ने हटा दिया था। चुनाव आयोग को अंदेशा था कि यह किसी पक्ष में चुनाव में गड़बड़ करा सकते है। इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके पक्ष में आ गई और वह मुख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाने लगे। जैसे ही ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी तो उन्हें कोलकाता का कमिश्नर बना दिया, लेकिन चिटफंड घोटाले में पूछताछ करने पहुंची सीबीआई को पुलिस हिरासत में करवाने के बाद राजीव कुमार चर्चा में आ गए थे। उनके पक्ष में मुख्यमंत्री भी धरने पर बैठ गई थी, लेकिन बाद उन्हें एडीजी सीआइडी बनाया गया था, लेकिन एक बार फिर उन्हें चुनाव आयोग ने उनके पद से हटा दिया है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप