मुरादाबाद में एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन समेत 14 अधिकारियों पर कार्रवाई, यहां पढ़ें क्या है पूरा मामला
20 सितंबर 2021 को अधिवक्ताओं ने सीधे एडिशनल कमिश्नर से मिलकर जीएसटी सचल दल के अधिकारियों की बीच के लोगों से सांठगाठ की जानकारी दी थी। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन द्वारा भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई थी।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। वाणिज्यकर विभाग की सचल दल टीम को बचाने के चक्कर में एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन भी नप गए। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट भी शासन को गलत भेज दी थी। व्यापारी के अकाउंट से घपलेबाजी की गई थी। टैक्स अधिवक्ताओं की तीनों बार एसोसिएशनों की ओर से 23 सितंबर 2021 को की गई शिकायत के बाद शासन ने कार्रवाई की है। 14 अधिकारियों पर कार्रवाई होने से पूरे प्रदेश के वाणिज्यकर अधिकारियों में खलबली मची हुई है।
20 सितंबर 2021 को अधिवक्ताओं ने सीधे एडिशनल कमिश्नर से मिलकर जीएसटी सचल दल के अधिकारियों की बीच के लोगों से सांठगाठ की जानकारी दी थी। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन द्वारा भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई थी। सचल दल को क्लीन चिट देने की वजह से अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। इसके बाद मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने मामले की जांच करके शासन को रिपोर्ट भेजी थी। इसमें द मुरादाबाद टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव जौहरी, जोनल टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार अग्रवाल, टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग सिंह ने शिकायत की थी।
ऐसे घपलेबाजी का हुआ पर्दाफाश : सचल दल टीम ने दो ट्रकों का अन रजिस्टर्ड माल पकड़ा था। कम टैक्स भरने की वजह से रजिस्टर्ड व्यापारी के नाम में पर्ची काट दी थी। जब व्यापारी ने पोर्टल पर चेक किया तो उन्होंने अपने टैक्स अधिवक्ता से जानकारी की। मामले में जब अधिवक्ताओं ने एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन से बात की तो उन्होंने विभागीय स्तर पर जांच करने के बाद दोबारा से आदेश को संशोधित करते हुए अनरजिस्टर्ड के नाम पर टैक्स चोरी भर दी। अधिवक्ताओं की तीनों बार एसोसिएशन के अध्यक्षों ने सीएम पोर्टल पर शिकायत के साथ ही पूर्व सांसद सर्वेश कुमार सिंह के माध्यम से सीधे मुख्यमंत्री को फाइल दी थी। इसके बाद शासन स्तर पर वाणिज्यकर विभाग में इतनी बड़ी कार्रवाई होने से खलबली मच गई।
शासन के निर्देश पर मंडलायुक्त ने जांच कर भेजी थी रिपोर्ट : वाणिज्यकर विभाग में लापरवाही के मामले में शासन में गोपनीय शिकायत की गई थी। जिसके बाद शासन ने इस मामले की जांच के आदेश मंडलायुक्त को दिए थे। बीते अक्टूबर माह में मंडलायुक्त ने वाणिज्यकर विभाग का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने दो मामलों की फाइल एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन अरविंद कुमार से मांगी थी। जब इन दोनों फाइलों का परीक्षण किया गया तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली थी। इसके बाद मंडलायुक्त ने पूरे मामले की रिपोर्ट वाणिज्यकर मुख्यालय को भेज दी थी। उन्होंने बताया कि दोनों ही मामलों में राजस्व का बड़े पैमाने पर नुकसान किया गया था। अधिकारियों ने अपने हितों को साधा था। मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट के बाद शुक्रवार को 14 अधिकारियों को निलंबित करने की कार्रवाई की गई।
वाणिज्यकर विभाग की सचल दल टीम बीच के लोगों के साथ मिलकर घपलेबाजी कर रही थी। पंजीकृत व्यापारी द्वारा जब मामला संज्ञान में लाया गया तो शिकायत के बाद भी लीपापोती कर दी गई थी। तीनों टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्षों की शिकायत के बाद जांच हुई और कार्रवाई हुई है।
राजीव जौहरी, द मुरादाबाद टैक्स बार एसोसिएशन