जिलाधिकारी के रडार पर 41 लेखपाल
जिलाधिकारी पुलकित खरे जमीनी स्तर पर सुधार लाने की कवायद कर रहे हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर घोटाला पकड़ा था जिसके बाद डीएम ने मनरेगा से संबंधित ज्यादातर स्टाफ का तबादला कर दिया था।
पीलीभीत,जेएनएन: जिलाधिकारी पुलकित खरे जमीनी स्तर पर सुधार लाने की कवायद कर रहे हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर घोटाला पकड़ा था, जिसके बाद डीएम ने मनरेगा से संबंधित ज्यादातर स्टाफ का तबादला कर दिया था। डीएम ने अब लेखपालों के कार्य क्षेत्र से संबंधित रिकार्ड तलब किया है। अभी तक जनपद में 41 लेखपाल ऐसे मिले हैं जो एक ही तहसील क्षेत्र में पांच साल से ज्यादा समय से कार्यरत हैं। दरअसल एक ही क्षेत्र में लंबे समय रहने के कारण कर्मचारी या अधिकारी की कार्यशैली को लेकर आरोप लगना स्वभाविक है।
जिलाधिकारी पुलकित ने कार्यभार संभालने के दौरान पारदर्शिता और ईमानदारी पर खास जोर दिया था। डीएम ने समय-समय पर इसे चरितार्थ भी किया। खासकर महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा ) के क्रियान्वयन में गंभीर आर्थिक अनियमितताएं पकड़ी थीं। इस मामले में लिप्त कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। साथ ही मनरेगा से संबंधित सभी कर्मचारियों का रिकार्ड खंगाला गया था। तब यह भी पता चला कि ज्यादातर लोग लंबे समय से एक ही क्षेत्र में कार्यरत हैं। मनरेगा को लेकर व्यापक स्तर पर तबादला पहली बार ही हुए हैं। कई लेखपाल तो 12 और 15 साल से एक ही तहसील में जमे हैं। वहीं कुछ लेखपाल तो पिछले आठ साल से एक ही तहसील में कुंडली मारकर बैठे हैं। जिलाधिकारी के पास भी कई लेखपालों की शिकायतें पहुंच रही हैं। फैक्ट फाइल
जिले में कुल तहसील पांच
जिले में लेखपाल के कुल पद 382
वर्तमान में कार्यरत कुल लेखपाल 265
लेखपाल के कुल रिक्त पद 117
वर्जन
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जनपद में कार्यरत लेखपालों की कार्य क्षेत्र से संबंधित रिकार्ड को दिखवाया जा रहा है। अभी तक 41 लेखपाल ऐसे मिल चुके हैं, जो एक ही तहसील क्षेत्र में पांच साल से ज्यादा समय से तैनात हैं। कार्यशैली में पारदर्शिता लाने के लिए जल्द ही रणनीति पर अमल शुरू किया जाएगा।
- पुलकित खरे, जिलाधिकारी