Move to Jagran APP

डेढ़ करोड़ रुपये डकार कर बैठे केबिल ऑपरेटर, कर की वसूली में छूट रहे पसीने

मनोरंजन कर की वसूली को लेकर विभागीय अफसर परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 05:10 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 05:10 PM (IST)
डेढ़ करोड़ रुपये डकार कर बैठे केबिल ऑपरेटर, कर की वसूली में छूट रहे पसीने
डेढ़ करोड़ रुपये डकार कर बैठे केबिल ऑपरेटर, कर की वसूली में छूट रहे पसीने

मुरादाबाद : मनोरंजन कर की वसूली को लेकर विभागीय अफसर परेशान हैं। केबिल ऑपरेटरों पर जब वसूली का दबाव बढ़ाया गया तो उल्टे विभागीय अफसरों पर ही वसूली के आरोप लगा दिए गए। हालांकि इन आरोपों को शहर के दो प्रमुख मल्टी सिस्टम ऑपरेटरों ने सिरे से खारिज कर दिया है। ये है पूरा मामला जनपद में 217 केबिल ऑपरेटर नेटवर्क संचालन का काम कर रहे हैं, जिसमें ज्यादातर केबिल संचालक समय पर अपना राजस्व जमा कर रहे हैं जबकि कुछ केबिल ऑपरेटर टैक्स न जमा करने के लिए एमएसओ संचालकों पर दबाव बना रहे हैं। विभागीय अफसरों का कहना है कि शहर में केबिल नेटवर्क संचालित करने वाले सभी ऑपरेटरों के पास वही लाइसेंस हैं, जो एमएसओ के पास होता है। जिन एमएसओ से एग्रीमेंट किया जाता है, उसमें भी इस बात का उल्लेख किया जाता है कि संचालक स्वयं मनोरंजन कर को अदा करेगा। जीएसटी लागू होने के बाद से कुछ ऑपरेटर टैक्स जमा करने को लेकर गलत अफवाह फैला रहे हैं। वह खुद को टैक्स की जिम्मेदार से बचाने के लिए मनोरंजन कर विभाग के अफसरों पर झूठे आरोप भी लगा रहे हैं। मौजूदा समय में कुछ केबिल ऑपरेटरों पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये बकाया है। इन्होंने 15 सालों से मनोरंजन कर नहीं जमा किया है। वित्त एवं राजस्व विभाग से इनके खिलाफ नोटिस जारी किए हैं। 56 लाख रुपये की जारी की गई आरसी राजस्व विभाग ने लगभग सवा सौ केबिल ऑपरेटरों के खिलाफ 56 लाख रुपये की आरसी जारी कर दी है। इनमें से एक का नौ लाख रुपये का मनोरंजन कर बकाया है। बोले केबिल नेटवर्क संचालक संचालक के द्वारा ही मनोरंजन कर दिया जाएगा। विभाग के स्तर से जो कार्रवाई की जा रही है, वह उचित है। राजस्व जमा करने की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है।

loksabha election banner

फिरासत खां, संचालक, डेन एफके केबिल नेटवर्क सभी आरोप हैं निराधार जो भी संचालक घरों से पैसा लेकर आता है। उसकी जिम्मेदारी होती है कि वह मनोरंजन कर को जमा करें। मुख्य केबिल ऑपरेटरों पर जो आरोप लगाए गए हैं, वह सभी निराधार है। कुछ ऑपरेटरों द्वारा प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

ललित कौशिक, संचालक, डेन एसएस केबिल नेटवर्क मुद्दे को भटका रहे हैं ऑपरेटर ऑपरेटर फर्जी आरोप लगाकर मुद्दे को भटकाने में जुटे हैं। ऐसा उन ऑपरेटरों के द्वारा किया जा रहा है, जिनकी बकाएदारी ज्यादा है। कानूनी और प्रशासनिक स्तर से भी वे हार चुके हैं। उन्हें मनोरंजन कर विभाग का राजस्व जमा करना ही पड़ेगा।

श्रीप्रकाश श्रीवास्तव, उपायुक्त, वाणिज्यकर (मनोरंजन)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.