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120 अधिकारी करेंगे शौचालय निर्माण में धांधली की जांच Moradabad news

जिलाधिकारी ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में बनने वाले शौचालयों के निर्माण में धांधली की जांच के निर्देश दिए हैं। जांच का जिम्‍मा 120 अधिकािरयों को सौंपा गया है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 10:56 AM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 11:10 AM (IST)
120 अधिकारी करेंगे शौचालय निर्माण में धांधली की जांच Moradabad news

बहजोई। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में बनने वाले शौचालयों के निर्माण में धांधली की शिकायतों के चलते जिलाधिकारी ने जांच के निर्देश दिए हैं। इस कार्य का जिम्मा 120 अधिकारियों को सौंपा गया है, जो कि एक सप्ताह के अंदर जांच कर इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित करेंगे। जनपद की आठ विकास खंडों की सभी 556 ग्राम पंचायतों में अब तक 1,90,467 से अधिक शौचालय निर्मित हो चुके हैं। स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत के दौरान शौचालय निर्माण का जिम्मा स्वयं लाभार्थी को दिया गया था। पहली किस्त उनके खातों में स्थानांतरित करते हुए शौचालय निर्माण कार्य शुरू कराया लेकिन, लाभार्थियों के रुचि नहीं लेने के बाद प्रशासन ने इनके निर्माण की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंप दी। ग्राम प्रधानों ने गांवों में शौचालयों का निर्माण कराया। लाभार्थियों की ओर से शौचालय निर्माण में लापरवाही और अनियमितता की शिकायतें होने लगीं। पंचायतों में निर्मित शौचालयों की जांच भी हुई, कई पंचायतों में धन राशि के गबन की भी पुष्टि हुई है। इन्हीं शिकायतों के चलते जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण ङ्क्षसह ने जिले के 120 अधिकारियों को शौचालयों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। बड़े स्तर पर हो रही जांच के बाद ग्राम पंचायतों में खलबली मच गई है। जिला पंचायत राज अधिकारी, जाहिद हुसैन ने बताया कि जिले की 67 न्याय पंचायतों में 239 ग्राम पंचायतों के गांवों में बने शौचालयों की जांच होगी। जिसे 120 अधिकारी इस सप्ताह के अंदर पूरा करेंगे। प्रत्येक अधिकारी को दो ग्राम पंचायतों की जांच सौंपी गई है।

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फेस-1 और फेस-2 के तहत बनाए गए शौचालय

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में बनने वाले शौचालयों की रूपरेखा तैयार करने के लिए 2012 में बेसलाइन सूची तैयार की गई थी, जिसके बाद शौचालयों का निर्माण कराया गया था। बावजूद इसके ग्राम पंचायतों में ऐसे नए परिवार निकल कर सामने आए, जिनका नाम बेसलाइन सर्वे की सूची में नहीं था। इन शिकायतों के चलते शासन ने उन्हें सत्यापन कराते हुए नई परिवारों को भी शौचालयों का लाभ देने का फैसला लिया, जिस का सत्यापन फेज-1 के जरिए कराया गया लेकिन, फिर भी गांवों के ओडीएफ नहीं होने के बाद शासन ने फेस-2 के अंतर्गत सत्यापन कराया और तकरीबन 8 हजार  शौचालय बनाने का लक्ष्य दिया गया। 


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