Moradabad Weather: पहले सूखे से नुकसान और अब वर्षा ने किया तबाह, 24 घंटे में 119 मिमी बरसात से बर्बाद हुईं फसलें
Heavy Rain in Moradabad करीब 30 फीसदी तक नुकसान के अनुमान के बीच सब्जी फसलों में भी बारिश का पानी भर गया है। इसका सीधा असर पैदावार पर पड़ेगा। कृषि विभाग के एडीओ राधे श्याम ने बताया कि लगातार वर्षा से धान गन्ना व उड़द की फसल बर्बाद हुई।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Crops destroyed by rain in Moradabad: पहले समय पर वर्षा नहीं होने से फसलों को सूखे के कारण नुकसान पहुंचा तो अब अधिक बरसात से फसलें बर्बाद हो रही हैं। शनिवार रात व रविवार दिन में 24 घंटे के भीतर 119.2 मिमी वर्षा हुई। अतिवृष्टि से किसानों की धान और गन्ने की फसल खेतों में ही गिर गयी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से फसलों का आकलन कराकर मुआवजा देने की मांग की है।
बारिश के साथ आंधी ने भी पहुंचाया नुकसान
मुरादाबाद में तीन दिन हुई झमाझम वर्षा ने आम लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया। सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को पहुंचा है। लहलहा रही धान की फसल खेतों में गिर गयी। गन्ने की फसल भी खेतों में बिछी हुई है। इससे पैदावार में भी कमी आएगी। चरई, बाजरा आदि की फसलों को भी इस बरसात ने नुकसान पहुंचाया है। वर्षा के साथ ही शुक्रवार देर रात चली तेज हवा ने भी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है।
कृषि अधिकारी बोले, कई फसलों को पहुंचा नुकसान
करीब 30 फीसदी तक नुकसान के अनुमान के बीच सब्जी फसलों में भी बारिश का पानी भर गया है। इसका सीधा असर पैदावार पर पड़ेगा। कृषि विभाग के एडीओ राधे श्याम ने बताया कि लगातार वर्षा से धान, गन्ना व उड़द की फसल को क्षति पहुंची है। उप कृषि निदेशक ऋतुषा तिवारी का कहना है कि बरसात से धान और गन्ने पर काफी असर पड़ेगा। उड़द को भी कुछ नुकसान हो सकता है। चारे की फसलों पर कुछ खास असर नहीं होगा।
क्या कहते हैं किसान
किसान मुहम्मद शानू ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान वर्षा नहीं होने से फसल प्रभावित हुई हैं। अब आंधी- बरसात से फसल की पैदावार पर संकट गहराने लगा है। सरकार फसलों के नुकसान का आकलन कराए। किसान सोनू सिंह ने कहा कि तेज आंधी और वर्षा से धान और उड़द की फसल बर्बाद हो गयी है। सरकार नुकसान का आंकलन कराकर किसानों को मुआवजा दिलाने का काम करे। इससे किसानों को राहत मिलेगी।
किसान सुरेश ने कहा कि तीन दिन में हुई वर्षा में धान और गन्ने की फसलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई होना मुश्किल है। फसलें खेतों में गिर जाने से पूरी तरह बर्बाद हो गयी हैं। वहीं उदय सिंह ने कहा कि धान की फसल खेतों में पकने के लिए खड़ी हुई थी। उम्मीद यह थी कि इस बार अच्छी पैदावार होगी लेकिन, तीन दिन हुई झमाझम वर्षा ने अरमानों पर पानी फेर दिया।