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जनजागरूकता से गांव बनेंगे स्वच्छ व सुंदर : डीपीआरओ

भारत सरकार व प्रदेश सरकार ने गांवों के चौमुखी विकास के लिए ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर शौचालय की व्यवस्था के साथ ही गांव में सफाईकर्मियों की तैनाती प्रमुख है। इसके साथ ही गंगा किनारे के गांवों के लिए कई विशेष योजनाएं चल रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 05:43 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 11:42 PM (IST)
जनजागरूकता से गांव बनेंगे स्वच्छ व सुंदर : डीपीआरओ
जनजागरूकता से गांव बनेंगे स्वच्छ व सुंदर : डीपीआरओ

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : भारत सरकार व प्रदेश सरकार ने गांवों के चौमुखी विकास के लिए ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर शौचालय की व्यवस्था के साथ ही गांव में सफाईकर्मियों की तैनाती प्रमुख है। इसके साथ ही गंगा किनारे के गांवों के लिए कई विशेष योजनाएं चल रही हैं। जनपद पहले ही ओडीएफ घोषित हो चुका है गांव-गांव में शौचालय बनाए जा रहे हैं। दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न पहर में पहुंचे डीपीआरओ अरविंद कुमार ने बताया कि जन जागरूकता से ही गांवों का सही विकास हो सकेगा। इसके लिए जिला पंचायत राज विभाग प्रयासरत है। डीपीआरओ ने जिलेभर से आए फोन का जवाब दिया है। जहां जांच की मांग की गई उन्हें आश्वस्त किया कि मौके पर जरूर पहुंचेंगे।

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सवाल : गांव में पंचायत भवन नहीं है। इसके लिए क्या करना पड़ेगा।

जवाब : शासन द्वारा पंचायत भवन के लिए मानक तय किए गए हैं और उसी के अनुसार गांवों का चयन किया जाता है। यदि कहीं से जमीन उपलब्ध कराई जाती है तो उस पर संज्ञान लेकर पंचायत भवन बनाया जाता है।

सवाल : जिला खुले में शौच मुक्त हो गया है लेकिन लोग अभी भी खुले में जाते हैं।

जवाब : केंद्र सरकार ने देश भर में स्वच्छता बढ़ाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन अभियान चलाया। पात्र लाभार्थियों को 12 हजार रुपये का अनुदान देकर शौचालय बनवाए जा रहे हैं। स्वच्छता के लिए तमाम जागरूकता अभियान चल रहे हैं इसके बावजूद लोग खुले में जाते हैं तो हम सबकी जिम्मेदारी है कि उन्हें शिक्षित करें।

सवाल : शौचालय बने हैं लेकिन दरवाजा नहीं है, पानी की व्यवस्था नहीं है।

जवाब : सरकार शौचालय बनवा रही है लेकिन वह संपत्ति लाभार्थी की हो जाती है। इसलिए उसकी देखरेख की जिम्मेदारी भी लाभार्थी की है। यह तो व्यक्ति को स्वयं भी सोचना चाहिए कि शौचालय होने से कितनी बीमारियां दूर रहती हैं, बच्चे पर परिवार के लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।

सवाल : शौचालय पाने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए।

जवाब : शौचालय के लिए गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने परिवारों को लाभ दिया जा रहा है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को शौचालय दिए जा रहे हैं। इसके अलावा जो भी पात्र लाभार्थी हैं उन्हें शौचालय दिए जा रहे हैं।

सवाल : ग्राम पंचायत में विकास कार्य नहीं कराए गए। अनियमितता बरती जा रही है।

जवाब : ग्राम पंचायत के विकास कार्य से संबंधित शिकायत दे सकते हैं। इसकी जांच कराई जाएगी और अनियमितता मिलेगी तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।

सवाल : सफाईकर्मी आते हैं लेकिन सफाई नहीं करते और लौट जाते हैं।

जवाब : गर्मी के दिनों में सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक वह सर्दियों में आठ बजे से दोपहर तीन बजे तक सफाईकर्मियों की ड्यूटी है। यदि कहीं से शिकायत है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

सवाल : जमालपुर में शौचालय के लिए 12 हजार की जगह छह हजार मिलते हैं।

जवाब : ऐसा नहीं है शौचालय के लिए सरकारी अनुदान राशि 12 हजार ही है। जमालपुर ब्लाक में दो वर्ष पहले स्थानीय लोगों ने छह हजार में ही शौचालय बनाने की पहल की थी, उन्हें ही यह राशि दी गई है।

सवाल : कंतित शरीफ के आसपास सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है।

जवाब : आपकी शिकायत नोट कर ली गई है और जल्द ही वहां पर व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी।

-----------इन्होंने पूछ सवाल

लक्ष्मण प्रसाद मौर्य नरायनपुर, सुरेंद्र दूबे हलिया, अमित कुमार लालगंज, रमाकांत तिवारी रामपुर अतरी, विद्यानाथ द्विवेदी जमालपुर, भोलानाथ यादव अघवार, डा. पुष्पेंद्र सिंह नीबी गहरवार, अनुराग चील्ह, शुशांत सिंह जमालपुर, शिवकुमार विध्याचल, रमेश कुमार चंडिका बेलवन, पवन कुमार भटेवरा, धीरज केसरी ड्रमंडगंज, अरविद गुप्ता जमालपुर, कुलदीप जमालपुर।


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