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सर्दी का सितम जारी, ¨जदगी बेहाल

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : दिसंबर का एक पखवारा बीतने के बाद अब ठंड ने भी धीरे-धीरे अपन

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Dec 2017 10:57 PM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2017 10:57 PM (IST)
सर्दी का सितम जारी, ¨जदगी बेहाल
सर्दी का सितम जारी, ¨जदगी बेहाल

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : दिसंबर का एक पखवारा बीतने के बाद अब ठंड ने भी धीरे-धीरे अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। पहाड़ पर हो रही बर्फबारी का असर पूर्वांचल में भी दिखाई दे रहा है। दिन रात चल रही हवा से न्यूनतम तापमान भी धड़ाम होकर दस डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। रात को कौन कहे लोग दिन में ठिठुरे नजर आ रहे हैं। सर्द हवाएं सोमवार से ही चल रही हैं लेकिन दिनोंदिन ठंडी का तेवर बढ़ता जा रहा है। इसके पहले ऐसा मौसम था कि लोग चर्चा करना शुरू कर दिए थे कि इस साल अभी तक ठंड नहीं पड़ी। अब जब ठंडी बढ़ गई हैं तो लोग हाय तौबा करने लगे हैं। शाम को कौन कहे दिन में भी लोग धूप के बावजूद ठंडी महसूस कर रहे हैं।

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वहीं जिला प्रशासन की ओर से कड़ाके की ठंड से बचाव के कोई उपाय नहीं किया गया। इससे राहगीर व रिक्शा चालक, पटरी दुकानदार व खुमचा वाले परेशान हैं। हलिया : ठंड बढ़ने के कारण गरीब व असहाय वर्ग मदद के लिए शासन प्रशासन की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। पहाड़ी व पथरीली इलाका होने के कारण इस इलाके में ठंडी ज्यादा पड़ रही है। धसड़ाराजा गांव की बेवा रमदेई, बैरागी, नंदलाल विश्वकर्मा ने बताया कि ठंड ने जीना हराम कर दिया है। अभी तक प्रशासन की ओर से कंबल का वितरण नहीं किया गया और न ही अलाव जलाए गए। स्थानीय लोगों ने प्रमुख चौराहों व बाजारों में अलाव जलवाने की मांग की है।

चुनार : सर्द हवा से गलन बढ़ने के साथ ही ठंड के तेवर कड़े दिखाई दे रहे हैं। कोहरा पड़ने से सूर्य की किरणें भी लोगों को पूरे दिन नसीब नहीं हो रही है। दोपहर बाद तेज हवाओं के चलने से सूरज ढलने के पहले गलन व ठंड बढ़ जाती है जो पूरे रात सिमत ढाती है। दो दिनों से लगातार ठंडक बढ़ने से सिहरन भी बढ़ती जा रही है। ठंड से बचने के लिए लोगों के सामने गर्म कपड़ों से बचाव और अलाव के सिवा कोई दूसरा सहारा नहीं है। ठंड का प्रकोप बढ़ने से आम जीवन पर भी असर पड़ना चालू हो गया है।

नहीं जले अलाव

ड्रमंडगंज : मंगलवार से घना कोहरा पड़ रहा है जिससे ठंड के साथ गलन भी बढ़ गई है। अभी तक प्रशासनिक स्तर से कहीं भी अलाव नहीं जलवाया गया। इस साल गरीबों को कंबल भी नहीं बांटा गया। शाम चार बजे से ही गलन बढ़ जाती है जो सुबह ग्यारह बजे के बाद कुछ कम हो जाती है।


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