जब शिकायत के लिए मृतक कबीर दास पहुंचे कलेक्ट्रेट
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर में उस समय लोग आश्चर्य में पड़ गए जब कागजों में मृतक घोषित व्यक्ति जिलाधिकारी से शिकायत करने पहुंच गया। 70 वर्षीय बुजुर्ग ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर खुद के जीवित होने का प्रमाण दिया और कहा कि इस मामले की जांच की जाए व दोषियों पर कार्रवाई हो।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर में उस समय लोग आश्चर्य में पड़ गए जब कागजों में मृतक घोषित व्यक्ति जिलाधिकारी से शिकायत करने पहुंच गया। 70 वर्षीय बुजुर्ग ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर खुद के जीवित होने का प्रमाण दिया और कहा कि इस मामले की जांच की जाए व दोषियों पर कार्रवाई हो।
छानबे विकासखंड के बौतां विशेषर ¨सह गांव के रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग कबीर दास ने बताया कि वे असहाय व निर्धन हैं। 2011 में ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी द्वारा उन्हें कागज पर मृतक घोषित कर दिया गया। जबकि 2015 तक उन्हें वृद्धा पेंशन मिलती रही। बताया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने आवास की मांग उठाई। लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई। 2017 में उन्होंने आवास के लिए फिर आवेदन किया तो उनसे 30 हजार रुपये की मांग की गई। जब इसके लिए मना कर दिया तो उन्हें अपात्र बना दिया गया और कहा गया कि आप कागज में मृतक हैं। इसके बाद बुजुर्ग ने नवंबर-दिसंबर 2017 व जनवरी 2018 में तहसील दिवस पर प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कबीरदास ने बताया कि किसी सक्षम अधिकारी से मौके की जांच कराई जाए और न्याय के साथ उन्हें आवास मिले ताकि ¨जदगी के बचे दिन वे अच्छे से गुजार सकें। गांव वालों में आक्रोश
जीवित कबीरदास को मृतक बनाने व ग्राम पंचायत द्वारा की जा रही अनियमितताओं को लेकर गांव वालों में आक्रोश है। कबीरदास के साथ आए लोगों ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा ग्राम सभा के विकास के लिए जारी फंड की बंदरबांट की जा रही है और सभी काम सिर्फ कागज पर पूरे करके पैसा निकाला जा रहा है, इसकी जांच की जानी चाहिए।