खुले दिल से किया फैसले का स्वागत, पल-पल लिया अपडेट
समय की सूईयां 11 के करीब पहुंची ही थीं कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय एक-एककर सामने आते गए। पांच सदियों से विवादित इस मसले पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को हिदू-मुस्लिम दोनों पक्षों ने खुले दिल से स्वीकारा।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : समय की सूई 10.30 बजे के करीब पहुंची ही थीं कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय एक-एक कर सामने आते गए। पांच सदियों से विवादित इस मसले पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को हिदू-मुस्लिम दोनों पक्षों ने खुले दिल से स्वीकारा। जनपद में हिदुओं द्वारा संवेदनशीलता का परिचय दिया गया तो मुस्लिम समुदाय ने न्यायालय की गरिमा का सम्मान करने का जज्बा दिखाया। निर्णय से जुड़ी हर गतिविधि जानने के लिए लोग टीवी व मोबाइल से चिपके रहे।
शुक्रवार की सुबह जैसे ही लोगों की आंखें खुली, फैसले की किरण का आभास हो गया। शहर के चट्टी चौराहों पर, गांव के ठीहों पर, चायपान की दुकानों पर और बाजार की अड़ियों पर लोग पहुंचे तो सवाल सिर्फ एक ही था, आखिर क्या आएगा निर्णय। इस पर ज्यादा चर्चा नहीं हो सकी और दोपहर होने से पहले फैसला आ गया। अयोध्या में राम मंदिर बनेगा, यह सूचना लोगों के लिए किसी नेमत से कम नहीं रही। हर वर्ग, समुदाय ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया। किसान रामबिलास ने कहा कि इस विवादित मसले का इससे बेहतर हल कोई और नहीं हो सकता इसलिए सभी को इसका स्वागत करना चाहिए। मझवां ब्लाक निवासी हजरत अली ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत है और हमें आपसी भाईचारा को बनाए रखना है। ज्यादातर लोगों ने यही कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सर्वमान्य फैसला दिया है उसी के अनुसार सबको आगे बढ़ना चाहिए।
टीवी-मोबाइल पर मिली अपडेट
शहर हो या दूर लालगंज तहसील, मड़िहान तहसील हो या चुनार क्षेत्र, कछवां नगर पंचायत एरिया हो या शहर का वासलीगंज शुक्रवार को लोग फैसले की बाट जोहते नजर आए। कहीं मोबाइल पर लोग पल-पल की जानकारी लेते रहे तो कहीं टीवी से हर हलचल पता चलती रही। इसी बीच लोगों ने एक-दूसरे को फोन करके भी फैसले की तस्दीक की। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की सक्रियता देख लोगों ने कहा कि काश इसी तरह पुलिस सड़कों पर गस्त करती तो कोई अपराध नहीं होता।
आम जनता ने दिखाई परिपक्वता
उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद जिले में जिस तरह से शांति व्यवस्था कायम रही और लोग अपने काम में मशगूल रहे, उससे पता चलता है कि लोगों ने परिपक्वता का परिचय दिया है। राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में होगा यह सूचना मिलने के बाद भी लोगों ने जिस तरह से संवेदनशीलता दिखाई उसकी प्रशंसा जनपद के आलाधिकारियों ने भी की है। गांव के प्रधान हों या किसी पुलिस चौकी के प्रभारी, किसी मस्जिद के इमाम हों या मंदिर के पुजारी सभी के बीच आपसी सामंजस्य व संवाद का ऐसा आधार बना कि निर्णय खुशहाली का सबब बन गया।