पुलिया जाम होने से 15 बीघा खेत जलमग्न
एक तरफ बारिश खरीफ की खेती के लिए संजीवनी का काम कर रही है। वहीं टेंगरा मोड़-मीरजापुर हाईवे चौड़ीकरण के दौरान की जा रही लापरवाही के चलते हुए जलजमाव से कैलहट-पचेवरा गांव की सरहद के पास करीब पंद्रह बीघा खेत जलमग्न हो गए और कुछ घरों की दहलीज तक पानी पहुंच गया। वहीं चकरोड पर दो फीट पानी लग जाने से आवागमन भी बाधित हो गया है।
जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : एक तरफ बारिश खरीफ की खेती के लिए संजीवनी का काम कर रही है। वहीं टेंगरा मोड़-मीरजापुर हाईवे चौड़ीकरण के दौरान की जा रही लापरवाही के चलते हुए जलजमाव से कैलहट-पचेवरा गांव की सरहद के पास करीब पंद्रह बीघा खेत जलमग्न हो गए और कुछ घरों की दहलीज तक पानी पहुंच गया। वहीं चकरोड पर दो फीट पानी लग जाने से आवागमन भी बाधित हो गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि कैलहट-पचेवरा सीमा पर बारिश के पानी की निकासी के लिए बनाई गई पुलिया, सड़क निर्माण कंपनी की लापरवाही के चलते मिट्टी से पट गई है। जिससे जल निकासी न होने के कारण बरसात का पानी भरने से 15 बीघा खेत जलमग्न हो गए। जिसके चलते हाईवे के किनारे पानी जमा होने से शिवनारायण सिंह, अजीत सिंह, शिवम् सिंह चंद्रशेखर सिंह, चालू सिंह, राजेंद्र सिंह के खेतों में पानी भर गया है। वहीं इनमें से ही कुछ के घरों की दहलीज पर भी पानी पहुंच गया है। यहां बताते चलें कि एक सप्ताह पूर्व हाईवे के किनारे स्थित नरायनपुर के कोलउंद गांव में जल जमाव के कारण ही तीन मंजिला इमारत ढह गई थी। इलाके के लोगों ने तहसील प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए मांग की है कि जल निकासी की व्यवस्था की जाए। ताकि खेतों में बोआई जोताई हो सके। लोगों ने कहा कि बंद पुलिया को खोल देने पर पानी निकासी होने से समस्या का समाधान हो पाएगा। इस संबंध में उपजिलाधिकारी सुरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। संबंधित विभाग से वार्ता कर जल जमाव की समस्या का निदान अविलंब कराया जाएगा।