वीआइपी बंदियों के बैरक को आयुक्त-डीआइजी ने खंगाला
आयुक्त विध्याचल मंडल आनंद कुमार सिंह डीआईजी पीयूष श्रीवास्तव सहित आलाधिकारी शनिवार को अचानक जिला कारागार पहुंचे। जेल पहुंचते ही सबसे पहले बैरक नंबर 11 में बंद वीआईपी आरोपित एआरटीओ आरएस यादव त्रिभुवन सिंह के बैरक को खंगालना शुरु किया। शनिवार को आलाधिकारियों की जांच का केंद्र वीआईपी आरोपितों की बैरक नंबर 11 रहा। हांलाकि जांच के दौरान आलाधिकारियों को कोई भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिलने की सूचना है। इसके बाद निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कैदियों के बैरकों को खंगाला और बैग बिस्तर आदि की गहनता से जांच की। अचानक आलाधिकारियों के द्वारा जेल का निरीक्षण करने से जेल अधिकारियों में एकबारगी हड़कंप मचा रहा। निरीक्षण के दौरान कटरा कोतवाली सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : आयुक्त विध्याचल मंडल आनंद कुमार सिंह, डीआइजी पीयूष श्रीवास्तव सहित आलाधिकारी शनिवार को अचानक जिला कारागार पहुंचे। जेल पहुंचते ही सबसे पहले बैरक नंबर 11 में बंद वीआइपी आरोपित एआरटीओ आरएस यादव, त्रिभुवन सिंह के बैरक को खंगालना शुरु किया। शनिवार को आलाधिकारियों की जांच का केंद्र वीआइपी आरोपितों की बैरक नंबर 11 रहा। हालांकि जांच के दौरान आलाधिकारियों को कोई भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिलने की सूचना है। इसके बाद निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कैदियों के बैरकों को खंगाला और बैग, बिस्तर आदि की गहनता से जांच की। अचानक आलाधिकारियों के द्वारा जेल का निरीक्षण करने से जेल अधिकारियों में एकबारगी हड़कंप मचा रहा। निरीक्षण के दौरान कटरा कोतवाली सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
आयुक्त ने सभी बैरकों में जाकर कैदियों से बातचीत भी की और उनके अपराध तथा पैरवी के बारे में विस्तार से पूछा। निरीक्षण के दौरान कोई भी संदिग्ध वस्तु या सामान नहीं मिला। आयुक्त द्वारा किचन का निरीक्षण किया तथा डीआइजी द्वारा जेल में बन रहे रोटी को खाकर गुणवत्ता का भी हाल जाना। इस दौरान कैदियों द्वारा बनाए जा रहे कालीन व दरी की बुनाई को भी देखा। जेल अधीक्षक अनिल कुमार राय ने बताया कि कालीन प्रोपराइटर के द्वारा कैदियों को न्यूनतम मजदूरी प्रदान की जाती है, जो कैदियों के खाते में जमा किया जाता है। कैदियों को कालीन बुनाई का प्रशिक्षण देकर आत्म निर्भर बनाया जा रहा है, जिससे जेल से छूटने के बाद स्वयं अपना रोजगार कर जीवन व्यतीत कर सकें। निरीक्षण के दौरान शौचालयों का दरवाजा टूटा मिलने पर जेलर सुरेश मिश्रा को बदलने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी अनुराग पटेल, एसपी अवधेश कुमार पांडेय ने महिला कैदियों के साथ रह रहे बच्चों को दिया जाने वाला दूध, फल, बिस्कुट आदि के बारे में भी जानकारी ली।
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