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काल भी विध्यांचल को ही केंद्र मानकर करता था समय तय, बाद में यही से तय हुआ IST

भारत का मानक समय आइएसटी (इंडियन स्टैंडर्ड टाइम) विंध्याचल से ही तय होता है। यह आधुनिक शोधों से सिद्ध हो गया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 29 Jun 2018 07:26 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 08:15 AM (IST)
काल भी विध्यांचल को ही केंद्र मानकर करता था समय तय, बाद में यही से तय हुआ IST
काल भी विध्यांचल को ही केंद्र मानकर करता था समय तय, बाद में यही से तय हुआ IST

मीरजापुर (सतीश रघुवंशी)।  भारत का मानक समय आइएसटी (इंडियन स्टैंडर्ड टाइम) विंध्याचल से ही तय होता है। यह आधुनिक शोधों से सिद्ध हो गया है। हालांकि मानक समय के संबंध में यह कहानी भी प्रचलित थी कि राक्षसराज रावण जिसने काल को अपने वश में कर रखा था, वह विंध्य क्षेत्र को ही पृथ्वी का केंद्र मानकर समय तय करता था। यह स्थान मीरजापुर-इलाहाबाद मार्ग पर विंध्याचल के दक्षिणी अमरावती के पास स्थित है। यहां पर दिल्ली की संस्था स्पेस ने अपने शोध के आधार पर निकले निष्कर्ष के तहत एक बोर्ड लगवाया और वहां पर संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई। बाद में जिला प्रशासन ने भी उस स्थान को एक छोटे पार्क में तब्दील कर अन्य जानकारियां भी संग्रहित की है। अब इस स्थल को जिला प्रशासन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।

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स्थान विकसित करने का निर्णय 

स्पेस संस्था के अनुसार यह स्थान 82.5 पूर्वी देशांतर पर स्थित है जो कि देश का मध्य बिंदु है। भारत का मानक समय आइएसटी (इंडियन स्टैंडर्ड टाइम) इसी जगह से तय होता है। इस संस्था ने वर्ष 2007 में अपना शोध पूरा किया था और उसी समय यह बोर्ड लगवाया। बाद में तत्कालीन डीएम राजेश कुमार सिंह ने इस जगह के महत्व को समझते हुए इसका सुंदरीकरण कराया। एक छोटा पार्क बनवाया, गेट लगवाया और जिले की अन्य भौगोलिक जानकारियों को इसमें जगह दी। उसके बाद से केंद्र सरकार की भी कई टीमें आईं और सर्वे कार्य किया। अब जिला प्रशासन ने भी इस स्थल को विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने भी उस स्थल का निरीक्षण किया है। अब उस स्थल को टूरिस्ट प्लेस के तौर पर विकसित करने के लिए योजना तैयार की जा रही है। 

बिंदुवासिनी ही विंध्यवासिनी

प्रचलित मान्यता के अनुसार विंध्याचल की जयपुरिया गली स्थित विंध्य महादेव मंदिर को लंकाधिपति रावण पृथ्वी का मध्य बिंदु मानता था। उसके अनुसार मां विंध्यवासिनी बिंदुवासिनी थी। भौगोलिक दृष्टि से जब इस तथ्य को जांचा गया तो अमरावती के पास का स्थान विंध्य महादेव से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर है।जिलाधिकारी मीरजापुर अनुराग पटेल विंध्य क्षेत्र से ही देश का मानक समय तय होता है। इसकी जानकारी होने पर मैं भी एक दिन वहां गया था तो शोध संस्था स्पेस का सूचना बोर्ड लगा मिला। इसके अलावा एक घड़ी भी लगी है। अब इसे टूरिस्ट प्लेस की तरह विकसित किया जाएगा।

मानक समय रेखा

भारत का मानक समय के लिए तय एक आभासी रेखा मध्य प्रदेश ओड़िसा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ, आंध्र प्रदेश से होकर गुजरती है। मानक समय 82.5 पूर्वी देशान्तर से लिया गया है। यह स्थान इलाहाबाद के निकट नैवी माना जाता रहा है लेकिन अब शोधों से यह तय हो गया है कि वह स्थान मीरजापुर का विंंध्य क्षेत्र है।


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