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फोरलेन निर्माण में नदी का पानी हो रहा इस्तेमाल

इन दिनों सड़क निर्माण का सिलसिला जोरो पर चल रहा है। इसी क्रम में मीरजापुर से पड़री चुनार होते हुए वाराणसी तक बन रहे फोर लेन सड़क निर्माण में कंपनी फोरलेन निर्माण में पानी छिड़काव व अन्य कार्य अपने व्यवस्था से नहीं बल्कि क्षेत्र के नदियों से पानी लाकर करा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 09:40 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 09:40 PM (IST)
फोरलेन निर्माण में नदी का पानी हो रहा इस्तेमाल

जागरण संवाददाता, पड़री (मीरजापुर) : इन दिनों सड़क निर्माण का सिलसिला जोरों पर चल रहा है। इसी क्रम में मीरजापुर से पड़री चुनार होते हुए वाराणसी तक बन रहे फोर लेन सड़क निर्माण में कंपनी फोरलेन निर्माण में पानी छिड़काव व अन्य कार्य अपने व्यवस्था से नहीं बल्कि क्षेत्र के नदियों से पानी लाकर करा रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नदी से पानी ले जाने पर रोक लगाने की मांग की है, अन्यथा गर्मी के मौसम में पेयजल की किल्लत हो जाएगी।

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पहाड़ी विकास क्षेत्र के अंतर्गत चट्टर नदी का पानी आजकल फोरलेन के सड़क बनाने में उपयोग किया जा रहा है जबकि हजारों पशु पक्षी उस पानी से अपना प्यास बुझाते थे लेकिन संपूर्ण पानी फोर लेन द्वारा बनाई जा रही। यह पानी सड़कों के छिड़काव के लिए उपयोग किया जा रहा है। यह आरोप ग्रामीणों ने लगाते हुए बताया कि ऐसी स्थिति में ज्यादा नहीं दो माह के अंदर नदी का संपूर्ण पानी समाप्त हो जाएगा। पशु पक्षी एक एक बूंद पानी के लिए तरस जाएंगे। ग्रामीणों का आरोप है कि समय रहते अगर नदी के पानी को फोरलेन निर्माण में ले जाने से रोका नहीं गया तो जल्द ही पशुओं के लिए एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाएगी। आरोप लगाया कि प्रतिदिन 10 से 25 टैंकर पानी नदी से उठाया जा रहा है और नदी में मछलियां मर रही हैं।


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