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जान जोखिम में डाल हजारों लोग रोजाना पार कर रहे गंगा

इस समय गंगा नदी को नाव द्वारा पार करने में लोगों के रोजाना डेढ़ घंटे जाया हो रहे हैं। नाव द्वारा नदी पार करने में तो मात्र 12 से 15 मिनट ही लगते हैं लेकिन सुबह व शाम ऐसी भीड़ होती है कि नाव पर सवार होने के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो नाव पर चढ़ने के लिए मारामारी तक की नौबत आ जाती है। इस पर से नाव संचालकों की मनमानी भी लोगों को झेलनी पड़ती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 07:27 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 11:20 PM (IST)
जान जोखिम में डाल हजारों लोग रोजाना पार कर रहे गंगा
जान जोखिम में डाल हजारों लोग रोजाना पार कर रहे गंगा

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जनप्रतिनिधियों व अफसरों की लापरवाही से गंगा पार करने वाले हजारों लोग रोजाना जान जोखिम में डालने के लिए मजबूर हैं। लंबे अरसे से निर्माणाधीन भटौली पुल तो बना नहीं और प्रशासनिक अदूरदर्शिता के कारण लोगों को पीपा पुल से भी महरूम कर दिया गया। ऐसे में लोगों को अब नाव का ही सहारा है। रोजाना पांच से छह हजार लोग जान जोखिम में डाल गंगा के आरपार होते हैं। ऐसे में भले लोगों की जान चली जाए तो अपनी बला से। हमारे जनप्रतिनिधि और अफसरान इसे लेकर मूकदर्शक बने हुए हैं। सुबह व शाम को नाव पर बाइक चढ़ाने के लिए आपस में मारामारी करते लोगों की भीड़ और ओवरलोड नाव देख किसी दिन बड़े हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

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अमूमन किसी भी मामले में बड़े हादसे के बाद ही शासन-प्रशासन व जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के कानों पर जूं रेंगती है और यही हालात यहां भी बने हुए हैं। बरैनी घाट की ओर से सुबह नौ से 11 बजे तक और भटौली घाट की ओर से दोपहर बाद तीन से पांच बजे तक सैकड़ों बाइक व लोग पहुंचते हैं जिसकी वजह से नाव पर सवार होने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा बरैनी घाट की तरफ नाव तक पहुंचने के लिए कोई मार्ग नहीं बनाया गया है और लोग गड्ढे में उतरकर किसी तरह से अपनी बाइक को नाव तक पहुंचाते हैं। रोजाना कचहरी आने वाले वकील राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कम से प्रशासन को नाव तक पहुंचने के लिए सड़क पर लोहे की पटरी डलवा देनी चाहिए थी जिससे समस्या न हो। उन्होंने बताया कि बरैनी की तरफ से तो किसी तरह से हम आ जाते हैं लेकिन दूसरी तरफ बालू का टीला पार करने में इस जाड़े में भी पसीने छूट जाते हैं।

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आम लोग आक्रोशित, डीएम से लगाएंगे गुहार

भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ काशी प्रांत के उपाध्यक्ष केके उपाध्याय ने कहा कि भटौली पुल से लाखों लोगों का जुड़ाव है और मझवां विधानसभा क्षेत्र की अधिकतम आबादी इस पुल से सीधे लाभान्वित होगी। इसके बावजूद इसके निर्माण न होना लापरवाही ही कहा जाएगा। उन्होंने बताया कि मझवां विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ वे जिलाधिकारी से मिलकर इसके निर्माण में तेजी लाने की मांग करेंगे। वहीं कछवां निवासी व्यवसायी बृजपाल दास गुप्ता ने कहा कि जनमानस की दिक्कतों को देखते हुए प्रशासन को तत्काल राहत प्रदान करने वाले कदम उठाने चाहिए।

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जनपदवासी बोले

सरकार की ईंट से ईंट बजाने को मझवां ब्लाक की जनता बाध्य हो जाएगी। पुल का निर्माण सफेद हाथी बना दिया गया है और जनता की भावनाओं के साथ मजाक किया जा रहा है।

गुड्डू ¨सह, बरैनी गांव

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जनप्रतिनिधि पुल के निर्माण को लेकर एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं पर क्षेत्र के विकास से इनका कोई लेना-देना नहीं है। अधिकारी भी आम नागरिक की तरह सिर पर बोझ लेकर इस रास्ते से चलें तब पीड़ा समझ आएगी।

पवन ¨सह, मझवां विकास खंड

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जनता तो सुविधा चाहती है। पुल तत्काल बन जाए तो वाराणसी से लेकर मीरजापुर और साथ ही भदोही जनपद का भी जुड़ाव हो जाएगा। शासन प्रशासन क्यों लापरवाही कर रहा है, समझ में नहीं आ रहा।

राबिन टक, क्रिश्चियन कम्पाउंड कछवां

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भटौली के निर्माणाधीन पक्के पुल के बनने का लाभ सभी को होगा। पर लगता है वोट की राजनीति को लेकर काम धीमी गति से कराया जा रहा है। जब चुनाव नजदीक होगा तो काम हो जाएगा लेकिन जनता अब सब समझ चुकी है।

शिवकुमार यादव, कछवां

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किस तरह का पुल निर्माण को लेकर आदेश दिया जा रहा है, समझ से परे है। इतनी बड़ी लापरवाही तो लगता है पूरे प्रदेश में नहीं हुई होगी जितनी यहां हो रही है।

चंदू गोडसे, कछवां

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पक्का पुल का निर्माण में अभी देरी थी तो कम से कम पीपा पुल ही बना देना चाहिए था। मझवां विधानसभा की पूरे प्रदेश में एक पहचान है। पुल में व्यापक कमियां हैं और दूरगामी सोच से परे इसका निर्माण हो रहा है।

गिरजाशंकर मौर्या, कछवां


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