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तीन माह में तेरह डूबे, नहीं चेता प्रशासन

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : इलाहाबाद से वाराणसी की सीमा के बीच 120 किलो मीटर गंगा का दायरा है। इसके

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 05:58 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 05:58 PM (IST)
तीन माह में तेरह डूबे, नहीं चेता प्रशासन

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : इलाहाबाद से वाराणसी की सीमा के बीच 120 किलो मीटर गंगा का दायरा है। इसके अलावा आधा दर्जन जल प्रपात और इतने ही बांध हैं जहां आए दिन लोगों के डूबने की घटनाएं होती है। पानी में होने वाले हादसों से निपटने के जिले में ठोस इंतजाम नहीं है। न तो जल पुलिस है एनजीआरएफ और न गोताखोर ही है। हादसा होने पर जल पुलिस एनडीआरएफ के जवान और गोताखोर बाहर से बुलाए जाते है। बीते तीन माह के दौरान बोरवेल में गिरने से लेकर गंगा व कुएं में गिरकर तेरह लोगों की जान जा चुकी है। इसेक बाद शासन के यहां जल पुलिस तैनात करने की सुधि नहीं आ रही है।

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जिगना में इलाहाबाद की सीमा से लेकर नारायणपुर में वाराणसी की सीमा के बीच बदेवरा नाथ घाट, ¨वध्याचल में रामगया घाट मल्लहिया घाट, गुदारा घाट, परशुराम घाट, बाबू घाट, कच्चा घाट पक्काघाट, दीवान घाट, कंतित घाट, शास्त्री सेतु के पास लल्ला घाट, चौबे घाट, नारघाट, गैबीघाट, नारघाट, नारायण घाट, संकठा घाट, पक्का घाट, कोनिया घाट, बाबाघाट, बदली घाट, सुंदर घाट, तेलिनिया घाट, बरियाघाट, रैदानी घाट, कचहरी घाट, फतहा घाट और कंपनी घाट के अलावा भटौली घाट, चंडिका घाट हैं। चुनार कस्बा में और नाराय़णपुर में कई घाट है। इनमें से एक दर्जन से अधिक स्थानों पर नाव संचालन का लाइसेंस जिला पंचायत की तरफ से दिया गया है। बाढ़ के दौरान गंगा में भटौली घाट पर स्टीमर का संचालन किया जाता है। -सरकारी गोताखोर तक नहीं

पुलिस प्रशासन के पास अपने निजी गोताखोर तक नहीं है। गंगा अथवा जल प्रपात में जब भी हादसा होता है तो ¨वध्याचल और नारघाट से निजी गोताखोर बुलाए जाते है। बड़े हादसो में वाराणसी से पीएसी की फ्लड कंपनी या फिर इलाहाबाद से एनडीआरएफ के जवान बुलाए जाते हैं। दो अप्रैल को लालगंज के सहरसा गांव में बालिका गीतांजलि के बोरवेल में गिरने के बाद उसे निकालने के लिए एनडीआरएफ के जवान बुलाए गए थे। -तीन माह तेरह लोगों की डूबने से हो चुकी है मौत

एक मार्च से दस जून के बीच जिले में गंगा और कुंए में डूबने से एक दर्जन लोगों की जान जा चुकी है। इसमें विध्याचल, जारना के रामपुर घाट, कोठरा मिश्रान घाट, सिटी कोतवाली के बदली घाट, पड़री तके चंडिका घाट हादसे हुए है। बोले एएसपी - जल पुलिस का भेजा गया है प्रस्ताव

एएसपी सिटी प्रकाश स्वरुप पांडेय का कहना है कि जिले में जल पुलिस को तैनात करने का प्रस्ताव तैयार करके शासन के पास भेजा गया है। प्रस्ताव की स्वीकृति मिलने के बाद गंगा घाटों और जल प्रपातों पर इसके जवान तैनात किए जाएंगे।


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