बारिश डूबी लाखों की सफाई, शहर जलमग्न
नगर पालिका परिषद भले ही नालों की साफ-सफाई पर हर साल लाखों
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : नगर पालिका परिषद भले ही नालों की साफ-सफाई पर हर साल लाखों रुपये पानी की तरह बहा देती हो लेकिन मानसून के दस्तक देते ही सफाई व्यवस्था की पोल खुल गई। सफाई व्यवस्था धरी की धरी रह गई और पूरा शहर जलमग्न हो गया। शहर की सड़कें और नाले लबालब हो गए। चौक-चौराहे तालाब बन गए। कई मोहल्लों व प्रमुख मार्गों पर पानी भरने से परेशानी और बढ़ गई। बगल से वाहन गुजरने पर गंदे पानी के छींटे पड़ रहे हैं। इससे लोग काफी परेशान हैं।
शहर भर में कुल 125 छोटे-बड़े नाले हैं और उनकी सफाई के लिए कुल 817 कर्मी लगाए गए हैं। मानसून से पहले नाले-नालियों की सफाई के लिए हर रोज निर्देश दिए जा रहे थे। सफाई तो दूर मानसून शुरू होते ही नालियां ही गुम हो गईं। बारिश से शहर के प्रमुख मार्गों पर जलभराव हो गया। कहीं-कहीं तो सड़कें भी धंस गईं। सड़कें धंसने के बाद उसमें जलभराव होने से कोई भी गड्ढे का अंदाजा नहीं लगा सकता। इससे कई वाहन के पहिए उसमें जाकर फंस जा रहे हैं। मोटरसाइकिल सवार तो गिरकर घायल हो जा रहे हैं। स्टेशन रोड व रोडवेज परिसर की स्थिति तो बेहद खराब है। जलभराव से रोडवेज परिसर तालाब बन गया है। वहीं स्टेशन रोड तो चलने लायक भी नहीं है। लोगों का कहना है कि शहर में जलभराव से निबटने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। बारिश से सबसे अधिक प्रभावित रोडवेज परिसर व स्टेशन रोड है। यह हाल तब है जब नगर पालिका ने नालों की सफाई में लाखों रुपये खर्च किया है। सड़कों पर जलजमाव से उस पर चलना मुश्किल हो गया है।