नहीं थम रहा है ट्रकों व पैदल श्रमिकों के जाने का सिलसिला
शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद ट्रकों व पैदल चलने वाले श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी है। सोमवार को जिला प्रशासन द्वारा यूपी-एमपी बार्डर पर 70 निजी बसें लगाई गईं इसके बावजूद श्रमिकों का रेला सड़कों पर दिखाई दे रहा है। जहां छांव मिल रही है वहां रुककर कुछ देर सुस्ताने के बाद वे आगे बढ़ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद ट्रकों व पैदल चलने वाले श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी है। सोमवार को जिला प्रशासन द्वारा यूपी-एमपी बार्डर पर 70 निजी बसें लगाई गईं इसके बावजूद श्रमिकों का रेला सड़कों पर दिखाई दे रहा है। जहां छांव मिल रही है, वहां रुककर कुछ देर सुस्ताने के बाद वे आगे बढ़ रहे हैं।
जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल के निर्देश पर यूपी-एमपी के हनुमना बार्डर पर 70 बसें लगाई गई हैं। मध्य प्रदेश के रास्ते विभिन्न राज्यों से आने वाले पैदल श्रमिकों को इन बसों के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। जनपद के निजी व स्कूली वाहनों की खेप भी लगाई गई है, साथ ही बसों की संख्या कम होने पर और बसें लगाने के निर्देश डीएम ने दिए हैं। वहीं मुंबई से प्रति सवारी तीन हजार रुपए देकर करीब 50 श्रमिक ट्रक से गंतव्य की ओर जाते दिखे। श्रमिकों ने बताया कि वे किसी भी हाल में अपने घर पहुंचना चाहते हैं, इसलिए बची खुची जमा पूंजी से किराए की व्यवस्था कर वे मुंबई से चले हैं। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा जगह-जगह इनके लिए भोजन व पानी का भी इंतजाम किया गया है।
सड़कों पर वाहन भर रहे फर्राटा
लॉकडाउन चार शुरू होते ही जनपद में सड़कों पर वाहनों का काफिला दिखाई देने लगा है। सोमवार को जिले के विभिन्न मार्गों पर दोपहिया, चारपहिया वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं। आमतौर पर वाहनों की गति भी अपेक्षाकृत काफी तेज रही। लॉकडाउन के दौरान आवश्यक कार्य के लिए निकले लोगों का चालान काटने वाली ट्रैफिक पुलिस सड़क से गायब रही और लोग फर्राटा भरते नजर आए।