हिदू-मुस्लिम भाईचारे की बनी मिसाल, इमामबाड़े की बाउंड्री
कुछ प्रकरण ऐसे होते हैं जिनके सुलझने से हर किसी के चेहरे पर मुस्कान तैरती है। ऐसा ही हुआ मीरजापुर में दशकों से रास्ते का अवरोधक बनी इमामबाड़े की बाउंड्री को आपसी सहमति से तोड़ दिया गया। इसकी रुपरेखा कुछ दिन पहले हुई पुलिस-प्रशासन व इंतेजामिया कमेटी की बैठक में बनी लेकिन सोमवार को जब इसे अमलीजामा पहनाया गया तो हर किसी ने यही कहा कि नागरिकों की सुविधा के लिए यह बेहतर कदम उठाया गया।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कुछ प्रकरण ऐसे होते हैं जिनके सुलझने से हर किसी के चेहरे पर मुस्कान तैरती है। ऐसा ही हुआ मीरजापुर में दशकों से रास्ते का अवरोधक बनी इमामबाड़े की बाउंड्री को आपसी सहमति से तोड़ दिया गया। इसकी रुपरेखा कुछ दिन पहले हुई पुलिस-प्रशासन व इंतेजामिया कमेटी की बैठक में बनी लेकिन सोमवार को जब इसे अमलीजामा पहनाया गया तो हर किसी ने यही कहा कि नागरिकों की सुविधा के लिए यह बेहतर कदम उठाया गया।
शहर को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाले मीरजापुर-विध्याचल रोड पर रोजाना लगने वाले जाम से अब निजात मिलेगी। इस रोड पर इमामबाड़ा स्थित है और उसकी बाउंड्री सड़क पर तिरछे निकली थी। इसकी वजह से यहां आकर सड़क वन वे हो जाती थी। रोजाना सुबह व शाम के समय यहां जाम लगता और लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को दूर करने के लिए पुलिस-प्रशासन की पहल पर इंतेजामिया कमेटी ने बैठक कर बाउंड्री तोड़ने पर सहमति जताई। सोमवार को प्रशासन की जेसीबी से उक्त बाउंड्री को तोड़ा गया। अधिकारियों ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर इसे दुरुस्त कर सड़क चौड़ी बनाई जाएगी। इससे रोजाना लगने वाले जाम से आम लोगों को मुक्ति मिलेगी। एक तरफ विध्य कारिडोर का कुछ लोग विरोध कर रहे हैं तो दूसरी तरफ इमामबाड़े की बाउंड्री तोड़ने पर आम सहमति बनना आने वाले समय के लिए शुभ संकेत की तरह से है।