जीत का परचम लहराने को गोटी बैठाने में जुटे धुरंधर
लोकसभा के चुनावी दंगल में प्रत्याशी जीत के लिए अपने- अपने दांव आजमा रहे हैं। जीत को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में जुट गए है। इसके लिए घर-घर और गांव-गांव जाकर जनसंपर्क कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ अपने अपने प्रत्याशियों को जीत का सेहरा पहनाने के लिए चुनावी गोट्टी बैठाने में धुरंधर जुट गए है। मीरजापुर संसदीय क्षेत्र के चुनाव में चुनावी गणित से प्रत्याशियों की जीत हार का अंतर बदल सकता है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : लोकसभा के चुनावी दंगल में प्रत्याशी जीत के लिए अपने- अपने दांव आजमा रहे हैं। जीत को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में जुट गए है। इसके लिए घर-घर और गांव-गांव जाकर जनसंपर्क कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ अपने अपने प्रत्याशियों को जीत का सेहरा पहनाने के लिए चुनावी गोटी बैठाने में धुरंधर जुट गए है। मीरजापुर संसदीय क्षेत्र के चुनाव में चुनावी गणित से प्रत्याशियों की जीत हार का अंतर बदल सकता है।
जनपद में लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की तिथियों की घोषणा हो चुकी है। प्रत्याशियों द्वारा घर-घर जाकर जनसंपर्क तेज कर दिया गया है। पुराने प्रत्याशी अपनी उपलब्धियां तो नए प्रत्याशी जनता को नए लोक लुभावन वादे करने से परहेज नहीं कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ पिछली लोकसभा चुनाव में प्राप्त मतों को अपने पाले में करने का भी प्रयास प्रत्याशी कर रहे है। प्रत्याशियों द्वारा बीते वर्ष के पार्टी प्रत्याशियों को मिले मत का भी आकलन किया जा रहा है, जिससे जीत के कम हो रहे अंतर को दूर किया जा सके। बीते वर्ष के चुनावी आकड़े की बात करें तो भाजपा समर्थित अपना दल प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल को 436536 मत से विजयश्री मिली थी। वहीं बहुजन समाज पार्टी की समुद्रा बिद को 217457 मत, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ललितेशपति त्रिपाठी को 152666 मत तथा समाजवादी पार्टी के सुरेंद्र सिंह पटेल को 108859 मत मिला था। वर्तमान राजनैतिक परिवेश की बात करें तो बसपा और सपा का गठबंधन हो चुका है। इसके चलते पार्टी के लोगों को मानना है कि बसपा-सपा समर्थित उम्मीदवार राजेंद्र एस बिद को लगभग 3,26316 मत तो मिलना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के ललितेशपति त्रिपाठी भी पिछले वर्ष से प्राप्त मतों से अधिक के प्रयास में लगे हुए है। वहीं दुसरी तरफ भाजपा अपना दल एस से दूसरी बार भाग्य आजमा रहीं अनुप्रिया पटेल के लिए 436536 मत जुटाना एक चुनौती भरा है। ----
निर्णायक भूमिका निभाएगी वैश्य व पटेल बिरादरी
मीरजापुर में अच्छी संख्या में किसान हैं, लेकिन राजनीतिक वर्चस्व वैश्य समाज का रहा है। कुल लगभग 70 हजार यानी 18 प्रतिशत वैश्य मतदाता हैं। मीरजापुर नगर में वैश्य समाज बीजेपी का पारंपरिक मतदाता माना जाता रहा है। जातीय समीकरण की वजह से बसपा भी जनपद में काफी मजबूत है। वहीं निर्वाचन विभाग द्वारा पुनरीक्षण कार्य 25 नवंबर तक चलाया गया। इस बार लगभग तीस हजार 29 लोगों ने सूची में नाम शामिल कराने के लिए फार्म भरकर नये मतदाता बने जो चुनाव में निर्णायक साबित होंगे।