वैक्सीनेशन करने वाले हेल्थवर्कर को कंपनी तीन महीने से नहीं दे रही वेतन
कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों का टीकाकरण करने वाले जनपद के 52 समेत प्रदेशभर के पांच हजार हेल्थवर्कर को तीन महीने से मानदेय नहीं मिल रहा है। ऐसे में वे भुखमरी की कगार पर पहुंचने वाले हैं। किसी तरह कर्ज लेकर कार्य कर रहे हैं। कर्मचारी मामले से संबंधित विभाग के अधिकारियों समेत अन्य उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं लेकिन किसी के कान में जू नहीं रेंग रहा है कि उनकी समस्या हल करा दें।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों का टीकाकरण करने वाले जनपद के 52 समेत प्रदेशभर के पांच हजार हेल्थवर्कर को तीन महीने से मानदेय नहीं मिल रहा है। ऐसे में वे भुखमरी की कगार पर पहुंचने वाले हैं। किसी तरह कर्ज लेकर कार्य कर रहे हैं। कर्मचारी मामले से संबंधित विभाग के अधिकारियों समेत अन्य उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन किसी के कान में जू नहीं रेंग रहा है कि उनकी समस्या हल करा दें।
वाराणसी की सिलिकान कंपनी के माध्यम से जनपद के 52 कर्मचारी सहित प्रदेशभर में पांच हजार कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में तैनात हुए हैं। इसमें स्टाफ नर्स, वार्ड ब्याय, लैब टेक्निशियन, एक्सरे टेक्निशियन, वार्ड आया सहित अन्य स्टाफ शामिल हैं। ये लोग पिछले कई साल से स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवा दे रहे हैं। कोरोना काल आने पर इनको मरीजों का इलाज करने के लिए एल वन व एल टू में लगा दिया गया फिर भी ये कर्मचारी डरें नहीं और ड्यूटी करते रहे। इसके बाद जब वैक्सीन निकली तो इन्हें टीकाकरण में लगाया गया।
इस कार्य को भी बड़ी जिम्मेदारी से ये लोग निभा रहे हैं, लेकिन इनको कंपनी की ओर से परेशान किया जा रहा है। पिछले तीन माह से मानदेय नहीं मिलने पर वे दशहरे का त्योहार नहीं मना पाए। मानदेय न मिलने से अब दीपावली के त्योहार पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है।
--------------------- अधिकृत कंपनी को कर्मचारियों का मानदेय देने के लिए पत्र लिखा गया है। दीपावली से पहले मानदेय नहीं देगी तो शासन को अवगत कराया जाएगा।
- अलोक कुमार, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, मंडलीय चिकित्सालय।