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मुख्यमंत्री दरबार पहुंचा सड़क निर्माण घोटाला

मझवां विधानसभा क्षेत्र में जमुआं-कछवां के बीच करीब 10 किलोमीटर बनी सड़क छह महीने भी नहीं चल सकी और क्षतिग्रस्त हो गई। सूचना के अधिकार के तहत जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि सड़क निर्माण में करीब सवा करोड़ का घोटाला किया गया है, जिसके बाद निर्माण एजेंसी ने पै¨चग कराकर घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश की लेकिन अब यह मामला राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 08:27 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 08:27 PM (IST)
मुख्यमंत्री दरबार पहुंचा 
सड़क निर्माण घोटाला
मुख्यमंत्री दरबार पहुंचा सड़क निर्माण घोटाला

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मझवां विधानसभा क्षेत्र में जमुआं-कछवां के बीच करीब 10 किलोमीटर बनी सड़क छह महीने भी नहीं चल सकी और क्षतिग्रस्त हो गई। सूचना के अधिकार के तहत जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि सड़क निर्माण में करीब सवा करोड़ का घोटाला किया गया है, जिसके बाद निर्माण एजेंसी ने पै¨चग कराकर घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश की लेकिन अब यह मामला राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है।

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जमुआं-कछवां सड़क निर्माण में बरती गई अनियमितता के खिलाफ आरटीआइ कार्यकर्ता इरशाद अली ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। इससे यह पता चला कि दस किमी. की सड़क का बजट करीब तीन करोड़ रुपये है जबकि इसकी पड़ताल से पता चला कि दो करोड़ से भी कम लागत में सड़क का काम करा लिया गया। इरशाद ने इसकी शिकायत शासन तक पहुंचाई। इस मामले में राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया। इस पत्र की एक प्रति आरटीआइ कार्यकर्ता को भी भेजी गई है। इसमें स्पष्ट लिखा गया है कि कछवां-जमुआं मार्ग के निर्माण कार्य में की गई अनियमितता की जांच कराई जाए। इरशाद अली ने बताया, इसकी जांच से पीडब्ल्यूडी विभाग के कई इंजीनियरों पर गाज गिर सकती है, जिनकी संलिप्तता से इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया।

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करीब एक सप्ताह पहले पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा जमुआं बाजार से हीरापुर तक करीब 1200 मीटर सड़क बनाई गई है जो एक सप्ताह भी नहीं चल सकी और इसकी गिट्टी उखड़ने लगी है। इसके लिए विभाग से शिकायत की गई लेकिन अवर अभियंता अजीत सोनकर सहित अन्य अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसे लेकर भी स्थानीय लोगों में बेहद आक्रोश है।


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