बिना जांच कराए वाहन पर बैठाकर किया रवाना
पैदल चलते-चलते पैर में छाले पड़ गए मंजिल अभी दूर है साहब हम लोगों की मदद करें चौकी इंचार्ज ने मदद तो किया लेकिन अपनी जिम्मेदारी से छुटकारा पाने वाला काम किया। सोनभद्र के बीजपुर निवासी चार पुरुष और दो महिला अपने चार बच्चों के साथ इलाहाबाद में मजदूरी करने के लिए गए थे। ये लोग लॉॅकडाउन में फंस गए।
जासं, अहरौरा (मीरजापुर) : पैदल चलते-चलते पैर में छाले पड़ गए मंजिल अभी दूर है, साहब हम लोगों की मदद करें, ये बातें सोनभद्र के बीजपुर निवासी चार पुरुष और दो महिलाओं ने कही जो अपने चार बच्चों के साथ इलाहाबाद से लौट रही थी। ये लोग लॉॅकडाउन में फंस गए।
एक सप्ताह पूर्व पैदल ही दिहाड़ी मजदूर अपने घर के तरफ रूख कर गए। पूरे परिवार के साथ पैदल चलते हुए इमलियाचट्टी पहुंचे। बुधवार की दोपहर इमिलिया चट्टी बाजार के सोनवर्षा पुल पर पहुंच कर आराम कर रहे थे कि चौकी प्रभारी संजय सिंह की नजर इन पर पड़ गई। पुलिस ने इनके बारे में छानबीन किया तो पता चला कि ये दिहाड़ी मजदूर वाहन न मिलने की वजह से फंस गए हैं। चौकी प्रभारी अपना पीछा छोड़ाने के लिए इन्हें अहरौरा की तरफ आ रही गाड़ी पर बैठा कर अपनी जिम्मेदारी से छुटकारा पा लिया। जबकि पुलिस को इन मजदूरों को उनके घर तक भेजवाना चाहिए था। यहां तक कि पुलिस ने इन लोगों की मेडिकल जांच भी नहीं कराई और बोलेरो में बैठाकर भेज दिया। चौकी प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि सभी श्रमिक स्वस्थ देखने में लग रहे थे, जो इलाहाबाद से पैदल ही यहां तक आ गए थे। उन्हें राबर्ट्सगंज की ओर जाने वाली एक वाहन पर बैठाकर छोड़ दिया गया।