फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे 10 शिक्षकों की सेवा समाप्त
फर्जी बीएड की डिग्री पर नौकरी करने वाले दस शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दिया गया। साथ ही एक शिक्षक का वेतन भी रोक दिया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विरेंद्र कुमार सिंह ने यूनिवर्सिटी द्वारा जांच में बीएड की डिग्री फर्जी पाने के बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की है। इन दस शिक्षकों से वेतन वसूली का आदेश हो गया है। साथ ही इन पर मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : फर्जी बीएड की डिग्री पर नौकरी करने वाले 10 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दिया गया। साथ ही एक शिक्षक का वेतन रोका गया है। बीएसए ने यूनिवर्सिटी द्वारा जांच में बीएड की डिग्री फर्जी पाने के बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की है। इन 10 शिक्षकों से वेतन वसूली का आदेश हो गया है। साथ ही इन पर मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है।
डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से वर्ष 2004-05 में बीएड करने वाले कई शिक्षकों की डिग्री फर्जी होने की शिकायत मिली थी। इसके बाद शासन ने एसआइटी जांच शुरू करा दी। एसआइटी जांच के आधार पर मीरजापुर में 11 शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली। तत्कालीन बीएसए ने इन 11 शिक्षकों की 20 जुलाई 2019 को सेवा समाप्त किया। उसके बाद इस मामले में कोर्ट द्वारा स्टे देने के बाद सात अगस्त 2019 को शिक्षकों को पुन: ज्वाइन कराना पड़ा। इसके बाद 29 अप्रैल 2020 को न्यायालय ने डा. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी की जांच रिपोर्ट के बाद निर्णय दिया। अंबेडकर यूनिवर्सिटी ने रिपोर्ट लगाया था कि 2823 लोगों की बीएड की डिग्री फर्जी है। इसमें से 814 लोगों की जांच चल रही है।