टेक्नीशियन तैनात पर अल्ट्रासाउंड मशीन ही नदारद
समय सुबह के 10.15 बजे दिन बुधवार स्थान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जमालपुर। जागरण टीम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने पर प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. राजन ¨सह अपने कक्ष में मरीजों को देखते मिले। पूछने पर उन्होंने बताया कि यहां कुल छह स्थाई चिकित्सक एवं एक संविदा आयुष की नियुक्ति है। डा. राहुल कपूर पोस्टमार्टम ड्यूटी पर डा.अंकुर आनंद नाइट ड्यूटी पर एवं डा. अमित गुप्ता के एक महीने के उपार्जित अवकाश पर रहने की जानकारी दी।
जागरण संवाददाता, जमालपुर (मीरजापुर) : समय सुबह के 10.15 बजे दिन।
दिन बुधवार।
स्थान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जमालपुर।
जागरण टीम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने पर प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. राजन ¨सह अपने कक्ष में मरीजों को देखते मिले। पूछने पर उन्होंने बताया कि यहां कुल छह स्थाई चिकित्सक एवं एक संविदा आयुष की नियुक्ति है। सबसे बड़ी विडंबना यह देखने को मिली यहां अल्ट्रासाउंड मशीन के टेक्नीशियन की नियुक्त तो दो साल से हुई लेकिन स्वास्थ्य केंद्र को अल्ट्रासाउंड मशीन अभी तक नहीं मिली।
इसके बाद टीम जब बगल के कक्ष में गई तो वहां 10:20 डा. अभिषेक साहू मरीजों को देखते मिले। 10:25 पर सामने के कमरे में डा. शुचि त्रिपाठी एवं संविदा आयुष डा. स्नेहलता भी मरीजों को देख रही थी। टीम के आगे बढ़ने पर साढ़े दस बजे नर्स ड्यूटी रुम में नर्स अमलावती अपनी कुर्सी पर नहीं थी वह कहीं कैंपस में घूम रहीं थी। 10:35 बजे मिनी स्किल लैब एवं प्रसव वार्ड बंद था। 10:40 पर टीम के पुरूष वार्ड पहुंचने पर वार्ड में दो मरीजों को पानी चढ़ाया जा रहा था। पुरुष वार्ड में पंखा नहीं चल रहा था गर्मी से मरीज बेहाल थे। चैनपुरा गांव निवासी पीलिया पीड़ित मरीज दिनेश लाल ने बताया कि शौचालय गंदगी से पटा हुआ है एवं शौचालय के नल में पानी नहीं है। स्वास्थ्य केंद्र पर पिछले 28 महीने से एक्सरे टेक्नीशियन की नियुक्ति है लेकिन एक्सरे मशीन नहीं है एवं अल्ट्रासाउंड मशीन भी नहीं है। अस्पताल कैंपस में बना शौचालय ध्वस्त पड़ा हुआ है। बि¨ल्डग बने मात्र छह साल हुए हैं लेकिन बरसात में बि¨ल्डग टपक रही है। पुरुष शौचालय का फर्श टंकी सहित ध्वस्त हो गया है। रेफर करने में अग्रणी है स्वास्थ्य केंद्र
करजी गांव निवासी लालजी प्रजापति शुगर की जांच कराने के लिए केंद्र पर 11:30 पर पहुंचे थे लेकिन जांच मशीन खराब रहने के कारण बिना जांच कराए दवा लेकर वापस लौट गए। लैब टेक्नीशियन सतेंद्र पांडेय ने बताया कि शुगर मशीन खराब होने की शिकायत टोल फ्री नंबर पर कर दी गई है एवं मशीन बन जाने के बाद जांच किया जाएगा। केंद्र पर मरीजों की बाढ़ आ गई है लेकिन फिर भी मरीजों को धूप में रहकर पर्ची कटानी पड़ रही है। ओडी गांव निवासी महेंद्र ने बताया कि यह केंद्र रेफर सेंटर बन गया है। हल्के गंभीर मामले पर भी मरीजों को ट्रामा सेंटर वाराणसी रेफर कर दिया जाता है।