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लापता आठ महीने के बच्चे को ढूंढने में मिली कामयाबी

गायब अगवा व लापता बच्चों की तफ्शीश में तेजी दिखाते ही पुलिस को शुक्रवार को बड़ी कामयाबी मिली। जागरण में गायब हो रहे किशोर-किशोरियों की खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस की सक्रियता से यह सफलता मिली। बच्चे को अगवा करने वाले तीनों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया व बच्चे को माता-पिता के सुपुर्द किया। पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह ने प्रेसवार्ता कर प्रकरण का सिलसिलेवार अनावरण किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 06:03 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 11:42 PM (IST)
लापता आठ महीने के बच्चे को ढूंढने में मिली कामयाबी

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : गायब व लापता बच्चों की तफ्तीश में तेजी दिखाते ही पुलिस को शुक्रवार को बड़ी कामयाबी मिली। जागरण में गायब हो रहे किशोर-किशोरियों की खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस की सक्रियता से यह सफलता मिली। बच्चे की चोरी करने वाले तीनों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया व बच्चे को माता-पिता के सुपुर्द किया। पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह ने प्रेसवार्ता कर प्रकरण का सिलसिलेवार अनावरण किया।

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पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपित शंकर चौहान पुत्र पत्तेलाल निवासी देवापुर पचवल थाना कोतवली देहात ने बताया कि अघवार थाना पड़री में दिनेश चंद्र केशरवानी की दुकान पर रहकर हलवाई का काम करता था। अघवार में ही किराए के मकान में रहता था पत्नी सोना उर्फ शिवानी के साथ रहता था। डाक्टर द्वारा बताया गया था कि पत्नी को बच्चा पैदा नहीं होगा। इससे पत्नी बार-बार बच्चे की मांग करती थी। बीते 17 दिसंबर 2019 को वह भाई पवन चौहान उर्फ कल्लू को लेकर सिकरी गांव गया। वहां पर रेकी करते हुए धर्मराज की दुकान पर आकर पान गुटखा लिया। उसी समय धर्मराज की मां दोनों बच्चों को लेकर दुकान पर आई और समान लेने दुकान में गई। इतने में ही आरोपित ने धर्मराज के सात महीने के बेटे सागर को शाल में लपेटा और चोरी से अपने भाई पवन संग बाइक से भाग निकला। इसके बाद से ही पुलिस बच्चे की तलाश में जुटी थी। शुक्रवार को सुबह करीब साढ़े दस बजे तीनों आरोपित शंकर चौहान, पत्नी सोना व भाई पवन चौहान को बच्चे के साथ डगमगपुर से पुलिस ने गिरफ्तार किया। टीम में पड़री थाना प्रभारी मंजय सिंह, वीर बहादुर सिंह, महिमा यादव सहित सर्विलांस टीम से जयदीप सिंह, राज सिंह राणा, नितिन सिंह आदि लोग शामिल रहे। पुलिस अधीक्षक ने बच्चे को बरामद करने वाली टीम को दस हजार का पुरस्कार देने की घोषणा की।

ऐसे लगा बच्चे का सुराग

बच्चे को अगवा करने के बाद वे पहले विध्याचल में किराए पर कमरा लेकर रात को रुके। अगले दिन वे रमईपट्टी में किराए के मकान में पत्नी व बच्चे के साथ रहने लगा। परिचितों में बच्चा पैदा होने की खबर फैला दी। हलवाई दिनेश का कुछ रुपया शंकर के पास बकाया था। इसे लेने के लिए वह रमईपट्टी उसके घर गया। शंकर को बुलवाया और कहा कि तुम्हारे बच्चे के लिए मिठाई और कपड़े लाया हूं। बच्चे को दिखाओ लेकिन वह बच्चे को सामने नहीं लाया। अगले ही दिन वह रमईपट्टी में किराए का मकान छोड़कर वाराणसी में रहने लगा जिससे पुलिस का शक गहरा हो गया।

मकान मालिक ने खोल दी पोल

बच्चे के पिता ने बताया कि घंटों इंतजार के बाद मकान मालिक के लड़के ने पूछा कि बच्चे को नहीं दिखा रहा है तो क्यों परेशान हैं। इस पर दिनेश ने कहा कि दो-तीन महीने का बच्चा है इसलिए नहीं दिखा रहा होगा। इस पर मकान मालिक के लड़के ने बताया कि वह बच्चा दो-तीन महीने का नहीं सात-आठ महीने का है। इस बात से दिनेश को शक यकीन में बदल गया कि उसी का बच्चा चोरी कर लाया है। इसकी जानकारी दिनेश ने पुलिस को दी और जांच आगे बढ़ी।

बच्चे की चाहत में की चोरी

आरोपितों की मानें तो शंकर चौहान की पत्नी को जिसे पहले उसके भाई ने शादी करके महाराष्ट्र से यहां लाया था, बाद में शंकर ने उससे शादी कर ली लेकिन डाक्टर ने कहा कि बच्चा नहीं होगा। इससे पत्नी निराश रहने लगी और वह बार-बार बच्चे की जिद करती थी। इसलिए बच्चा चोरी करने का आइडिया आया और उन्होंने जान पहचान वाले के बच्चे को ही निशाना बनाया।

-वर्जन

गुमशुदा व लापता बच्चों की तलाश में यह अच्छी कामयाबी मिली है। बच्चे को शिवरात्रि के दिन उनके माता पिता को सुपुर्द किया गया। पूरी टीम को नगद पुरस्कार दिया जाएगा।

- डा. धर्मवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक, मीरजापुर


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