ंनगर पालिका में स्ट्रीट लाइट घोटाला जानकारी देने से कतरा रहे अधिकारी
नगर पालिका परिषद मीरजापुर में स्ट्रीट लाइट, सोलर लाइट, वाटर कूलर लगाने में जमकर गोलमाल किया गया है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जब इसकी जानकारी परिषद से मांगी गई तो उन्होंने जबाब में लिखा कि व्यय का ब्यौरा लेखा विभाग की अभिरक्षा में है। सवाल यह है कि जब लेखा विभाग के पास बिल बाउचर मौजूद है तो उसका विवरण देने में कोताही क्यों की गई।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : नगर पालिका परिषद मीरजापुर में स्ट्रीट लाइट, सोलर लाइट, वाटर कूलर लगाने में जमकर गोलमाल किया गया है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जब इसकी जानकारी परिषद से मांगी गई तो उन्होंने जवाब में लिखा कि व्यय का ब्यौरा लेखा विभाग की अभिरक्षा में है। सवाल यह है कि जब लेखा विभाग के पास बिल बाउचर मौजूद है तो उसका विवरण देने में कोताही क्यों की गई।
नगर पालिका परिषद में 2010 से लेकर अब तक कराए गए कार्यों का ब्योरा, कितनी सोलर लाइटें लगीं, टेंडर प्रक्रिया, सोलर लाइटों की जानकारी, कितने वाट की लाइटें लगीं, एक स्ट्रीट लाइट पर कितना खर्च किया गया। लाइट लगाने का ठेका किस कंपनी को दिया गया, फर्म व निदेशक का नाम, पंजीकरण प्रमाण पत्र आदि अभिलेखों की जानकारी आरटीआई द्वारा मांगी गई। आरटीआइ कार्यकर्ता इरशाद अली ने बताया कि परिषद ने सिर्फ इतनी जानकारी दी है कि कुल 116 स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं। इतना ही नहीं इस मद में खर्च की गई धनराशि के बिल बाउचर की सत्यापित प्रति मांगी गई। इसके जवाब में परिषद के जन सूचना अधिकारी कहते हैं कि यह लेखा विभाग की अभिरक्षा में है। इससे साफ जाहिर होता है कि परिषद द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाने में बड़ा खेल किया गया है, जिसकी जानकारी वे नहीं देना चाहते।
राशि का खुलासा नहीं कर रहा पालिका
आरटीआइ कार्यकर्ता इरशाद अली ने बताया कि स्ट्रीट लाइट, सोलर लाइट सहित वाटर कूलर लगाने में कितना धन खर्च किया गया। इसकी कीमतों का निर्धारण कैसे हुआ और इस मद में कितनी राशि खर्च की गई है, इसकी जानकारी परिषद नहीं दे रहा। उन्होंने बताया कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत वांछित सूचना नहीं मिली है, जिसकी शिकायत प्रदेश सूचना आयोग से की जा रही है।