159 सफाईकर्मियों का वेतन रोका, लिपिक को प्रतिकूल प्रविष्टि
रुवार को जिलाधिकारी अनुराग पटेल अचानक डीपीआरओ कार्यालय पहुंचे तो वहां की व्यवस्था देखकर दंग रह गए। इसी बीच गंदगी के सवाल पर एक सफाईकर्मी ने कुछ कहा तो जिलाधिकारी ने उनसे पूछ लिया कि आप यहां क्या कर रहे हैं। इस पर सफाईकर्मी ने कहा कि अधिकारियों की सेवा में लगे हैं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिलाधिकारी अनुराग पटेल गुरुवार को अचानक डीपीआरओ (जिला पंचायत राज अधिकारी) कार्यालय पहुंचे तो वहां की व्यवस्था देखकर दंग रह गए। इसी बीच गंदगी के सवाल पर एक सफाईकर्मी ने कुछ कहा तो जिलाधिकारी ने उनसे पूछ लिया कि आप यहां क्या कर रहे हैं। इस पर सफाईकर्मी ने कहा कि अधिकारियों की सेवा में लगे हैं। इसके बाद जिलाधिकारी ने विभिन्न अधिकारियों के आवास व कार्यालय से संबद्ध 159 सफाईकर्मियों का वेतन रोकने का आदेश दिया और इसकी जांच कराने की बात कही। साथ ही अनुपस्थित लिपिक को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई।
जब जिलाधिकारी ने सफाईकर्मियों की जानकारी ली तो पता चला कि जिन सफाईकर्मियों को वार्ड व गांवों की सफाई के लिए रखा गया है, वे अधिकारियों की आवभगत में जुटे हैं। इसमें मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय व आवास से 17, उप निदेशक पंचायती राज से नौ, आयुक्त कार्यालय से 11 व वार रूम जिला पंचायत सहित कुल 159 सफाईकर्मियों का वेतन अगले आदेश तक रोकने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि सफाईकर्मियों के संबंद्धीकरण में बड़ा खेल दिखाई दे रहा है। जिन सफाईकर्मियों की ड्यूटी गांव में सफाई करने की है वे जिले में अधिकारियों की सेवा कर रहे हैं। इसके साथ ही सफाईकर्मियों का अगस्त माह का वेतन आहरण न करने व अन्य अनियमितताओं के लिए वरिष्ठ लिपिक नसीम अहमद को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई। साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि उप जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी कार्यालय में कोई सफाईकर्मी तैनात नहीं किया जाएगा। अनुपस्थित मिले अधिकारी-कर्मचारी
जिलाधिकारी अनुराग पटेल 10 बजकर 35 मिनट पर जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय में पहुंचकर कार्यालय व अभिलेखों का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी सबसे पहले स्वच्छ भारत मिशन के कोआर्डिनेटर कक्ष में गए जहां कोआर्डिनेटर विनोद श्रीवास्तव अनुपस्थित पाए गए। बाद सूचना मिलने पर वे करीब 11:30 बजे कार्यालय पहुंचे। इसी प्रकार लेखाकार निर्मल कुमार, स्थापना लिपिक मनोज कुमार भी अनुपस्थित पाए गए। इसके अलावा बैठक कक्ष में बिछे बेड को देखकर जिलाधिकारी ने सवाल किया तो कोई अधिकारी जवाब नहीं दे पाया। नहीं दे पाए एक करोड़ का हिसाब
निरीक्षण के दौरान स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्राप्त व व्यय धनराशि का जब हिसाब लिया गया तो संबंधित अधिकारी करीब एक करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दे पाए जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी फटकार लगाते हुए पूरा डाटा अपडेट कर रिपोर्ट देने को कहा गया। निरीक्षण के दौरान अपर जिला सूचना अधिकारी ओम प्रकाश उपाध्याय, जिला पंचायत राज अधिकारी सीआर जायसवाल उपस्थित रहे।