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तिल्ली, ऊरद की खेती नष्ट, किसान मायूस

स्थानीय विकास खंड क्षेत्र में तिल्ली और उड़द की खेती बहुतायत होती है। यहां सिचाई की व्यवस्था नगण्य होने व पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण 40 फीसदी खेती इस क्षेत्र के किसान तिल्ली और उड़द की करते है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 08:44 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 08:44 PM (IST)
तिल्ली, ऊरद की खेती नष्ट, किसान मायूस

जासं, पटेहरा (मीरजापुर) : स्थानीय विकास खंड क्षेत्र में तिल्ली और उड़द की खेती बहुतायत होती है। यहां सिचाई की व्यवस्था नगण्य होने व पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण 40 फीसदी खेती इस क्षेत्र के किसान तिल्ली और उड़द की करते है। जिसके लिए कम पानी में अच्छी फसल हो जाती है और इसके मुनाफे से रबी की खेती मजे से किसान कर लेते रहे लेकिन इस वर्ष की बरसात सारे अरमानों पर पानी फेर दिया।

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खेत में खड़ी फसल को काटने में भी मजदूरी इनकम से ज्यादा लग जाएगी। देवरी दुबार खास निवासी किसान आनंद कुमार सिंह ने बताया किसान क्रेडिट कार्ड के सहारे खेती किया। अब सब बेकार हो गया कैसे किसान क्रेडिट कार्ड की भरपाई हो समझ के परे है। अधिकारी भी भ्रमण नहीं कर रहे वही लेदुकी निवासी राजेंद्र सिंह कहते है कि बीसों बीघा तिल्ली खेत में काली हो गई है। सोचा था कि ट्रैक्टर का बकाया दे देंगे और रबी की खेती मजे से हो जाएगी लेकिन सारे अरमान पर पानी फिर गया। रैकल के किसान विध्यवासिनी प्रसाद मिश्र और अशोक कुमार उपाध्याय ने बताया कि पचासों बीघा तिल्ली खेत में सड़ गई है। बरसात न होती तो उसे अब तक काट कर निकाल लिया गया होता अब तो कटाई भी दंड स्वरूप हो गई है। किसान क्रेडिट कार्ड भी खाली हो गया है रबी की खेती कैसे हो यह चिता का विषय हो गया है। फसल बीमा भी हुआ है उसमें भी मौके पर आज तक न ही राजस्व विभाग आया और न ही बीमा कम्पनी के लोग आए।


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