सोशल आडिट से होगा शिक्षा में गुणात्मक सुधार
जागरण संवाददाता : परिषदीय विद्यालयों की गुणवत्ता संवर्धन के लिए की जा रही कवायद के क्रम में प
जागरण संवाददाता : परिषदीय विद्यालयों की गुणवत्ता संवर्धन के लिए की जा रही कवायद के क्रम में परिषदीय विद्यालयों की अब सोशल आडिट होगी। आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के तहत इस आडिट का उद्देश्य बताया जा रहा है कि इससे विद्यालय की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलेगी और उसी के अनुसार जो कमियां हैं उनको दूर कर विद्यालय को आदर्श विद्यालय बनाया जा सकेगा। सोशल आडिट के लिए 19 मानक ¨बदु तय किए गए हैं। जिले में 15 मार्च से सोशल आडिट शुरू होगा।
जिले में 2210 परिषदीय विद्यालय हैं जिनमें 1611 प्राथमिक एवं 599 पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैं। जिले के 10 विकास खंड में कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय भी संचालित हैं। इनमें भी सोशल आडिट कराया जाएगा। सोशल आडिट के लिए एक सहायक अध्यापक के साथ एसएमसी(स्कूल प्रबंधन कमेटी) के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों की टीम बनाई जाएगी। ये लोग संबंधित विद्यालय का दिए गए ¨बदुओं पर जानकारी एकत्र करेंगे और विद्यालय के बारे में अपनी संस्तुति देंगे। इनकी रिपोर्ट को संकलित कर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए प्रत्येक ब्लाक में चार सदस्यीय ब्लाक कमेटी व सात सदस्यीय विद्यालय स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा।
सोशल आडिट का उद्देश्य
डीसी कम्युनिटी चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि इस सोशल आडिट का उद्देश्य विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने तथा बुनियादी सुविधाओं को बहाल करने का है। इसके अतिरिक्त विद्यालयों में पारर्दिशता, सहभागिता एवं जवाबदेही भी सुनिश्चित की जा सकेगी और विद्यालय की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी। इसके लिए विभाग, संस्था एवं समुदाय मिलकर रणनीति बना सकेंगे। प्रधानाध्यापक, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य, बच्चों के अभिभावकों एवं स्थानीय प्राधिकारी के सदस्यों को सोशल आडिट के बारे में बताया जाएगा।
दिए गए हैं निर्देश
बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि सोशल आडिट के लिए सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। वे अपने निर्देशन में निर्धारित समय के अंदर इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरा कराएंगे।