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सिल्ट से पटी हैं ढंकी नालियां, शहर की जलनिकासी बंद

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : नगर के मध्य बसी आवास विकास कालोनी शहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। नगर

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 10:54 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 10:54 PM (IST)
सिल्ट से पटी हैं ढंकी नालियां, शहर की जलनिकासी बंद
सिल्ट से पटी हैं ढंकी नालियां, शहर की जलनिकासी बंद

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : नगर के मध्य बसी आवास विकास कालोनी शहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। नगर की यह एक मात्र कालोनी है जो प्रदेश सरकार द्वारा बसाई गई है। यहां पर सरकारी दफ्तरों से लेकर इंटर कालेज, प्राथमिक विद्यालय तक हैं। साथ ही कई जनप्रतिनिधियों का आवास भी है। इसके बाद भी नालियों की दशा यहां भी अत्यंत शोचनीय है। छोटी नालियों से लेकर बड़े नाले तक हैं लेकिन सब के सब भरे हुए। जब गर्मी में नालियों व नालों की यह दशा है तो बरसात के मौसम में क्या होता होगा। समझा जा सकता है। बरसात में पानी लोगों के कमरों तक पहुंच जाता है और कई सामान पानी में तैरने लगते हैं। सरकारी कालोनी होने के नाते यहां पर सफाई की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए लेकिन हो रहा है उल्टा। सफाई के नाम पर यहां शायद ही कोई आता हो। नगर पालिका का सफाई विभाग इस कालोनी में एकदम निष्क्रिय दिखाई देता है। बड़े नालों की तो बरसों से सफाई नहीं ही हो रही है लेकिन स्थानीय स्तर पर जो काम हो सकता था, वह भी नहीं किया जा रहा है। संभवत: यही वजह है कि प्राय: प्रतिदिन इस कालोनी के कई हिस्सों में सुबह और रात के समय जब घरों में साफ- सफाई होती है तो कई सड़कें जलमग्न हो जाती हैं।

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पोखरी की सफाई से ही सुधरेगी स्थिति

आवास विकास कालोनी के घरों का पानी नालियों से होते हुए पास के ही एक पोखरी में जाकर इकट्ठा होता है। यहां से पानी आगे बढ़कर शुक्लहा चौराहा होते हुए बड़े नाले में गिरता है लेकिन इस पोखरी में इतना सिल्ट जमा हो चुकी है कि इसका लेवल नाली के लेवल से ऊपर हो गया है। नतीजतन कालोनी की नालियां प्राय: पानी से भरी रहती हैं। यही वजह है कि जब सुबह और शाम के समय लोग नहाने और कपड़ा साफ करने का काम करते हैं तो वह अतिरिक्त पानी नालियों में आगे बढ़ ही नहीं पाता और ओवरफ्लो होकर सड़कों पर आ जाता है। एक बार पानी आने का मतलब हफ्तों की छुट्टी। जेसीबी भी हो जाती हैं व्यर्थ

इस कालोनी के नागरिक जब बहुत हो हल्ला मचाते हैं तो नगर पालिका की ओर से जेसीबी भेज दी जाती है। जेसीबी आती है नालियों को कुछ खोदती है कुछ इधर- उधर करती है। इस खींचतान में कुछ पानी तो हटता ही है। बस उसके बाद जेसीबी का काम समाप्त और वह वापस लौट जाती है। जबकि अगले सवेरे नागरिकों के समक्ष फिर से वहीं समस्या मुंह बाये खड़ी रहती है। लोगों का कहना है कि नालियों की लगातार सफाई होती रहे और पोखरी में जहां से पानी उसमें गिरता है, की सफाई भी नियमित अंतराल पर होती रहे तो यह समस्या न आए लेकिन ऐसा होता नहीं। इसलिए समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है।

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बोले नागरिक

सुबह के समय कालोनी की सड़कों पर नालियों से पानी बाहर आने लगता है। इसी के साथ ही बदबू फैलने लगती है। नगर पालिका के कर्मचारियों से कहा जाता है तो थोड़ी बहुत सफाई हो जाती है। बरसात में स्थिति नारकीय होती है।

- सुशीला देवी, आवास विकास कालोनी। बरसात में तो घर के बाहर निकलना मुश्किल होता है। पानी सड़कों पर तैरता रहता है। पोखरी को साफ कराए बिना इसका हल नहीं निकलने वाला। इसके लिए नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष से भी कहा गया लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

- अजयधर दुबे, आवास विकास कालोनी। कालोनी की सभी नालियां ढंकी हुई हैं। उनके नीचे सिल्ट जमा है। इसलिए जब तक उसकी सफाई नहीं होगी तब तक समस्या का समाधान नहीं हो सकता। पालिका को चाहिए कि वह इस संबंध में अन्य लोगों की राय लेकर कार्रवाई करे।

- अक्षयवर लाल, आवास विकास कालोनी। नालियों में जो पानी भरा हुआ है। वह रात के समय इतना सड़ांध छोड़ता है कि घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। कालोनी में पार्क है लेकिन आदमी वहां नहीं बैठ पाता। इस समस्या का निवारण होना ही चाहिए। यह अति आवश्यक है।

- ऋषभ तिवारी, आवास विकास कालोनी। कालोनी में नालियां बनाई गई हैं लेकिन उनका रखरखाव ठीक से नहीं होता है। पालिका में दो- दो सफाई निरीक्षक हैं, मुख्य सफाई निरीक्षक हैं लेकिन कोई निरीक्षण करने नहीं आता। इस संबंध में कार्रवाई की जरूरत है।

- विकास, आवास विकास कालोनी। नालियों की सफाई जरूरी है। बरसात में बहुत परेशानी होती है। स्कूल अथवा कालेज जाने के लिए घर से निकलते ही गंदे पानी का सामना करना पड़ता है। बहुत बुरा लगता है। यदि नागरिकों को कुछ करने की जरूरत है तो वह भी पालिका बताए। हम सभी तैयार हैं।

- शिवम शुक्ला, आवास विकास कालोनी।

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वर्जन .

कालोनी की समस्या गंभी है। इसके लिए कई बार अध्यक्ष से कहा गया। जब तक पोखरी की सिल्ट की सफाई नहीं होगी तब तक इस समस्या का समाधान संभव नहीं है। इसके लिए 18 लाख रुपये का प्रस्ताव भी दिया गया था लेकिन उस पर भी कार्रवाई नहीं हुई।

- लवकुश प्रजापति, सभासद, आवास विकास कालोनी।


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