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स्टेशन वार्ड के शुक्लहा बस्ती के पास जल जमाव से त्रस्त हैं नागरिक

जासं, मीरजापुर : अतिक्रमण का शिकार होकर कराह रही नालियों के चलते भी नागरिकों को जलजमाव का सामना करना

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 05:23 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 05:23 PM (IST)
स्टेशन वार्ड के शुक्लहा बस्ती के पास जल जमाव से त्रस्त हैं नागरिक

जासं, मीरजापुर : अतिक्रमण का शिकार होकर कराह रही नालियों के चलते भी नागरिकों को जलजमाव का सामना करना पड़ता है। इस वार्ड की अधिकांश नालियां अतिक्रमण का शिकार हो चुकी हैं। बंद होने पर उनका सिल्ट निकल नहीं पा रहा है जिससे नालियां चोक होकर ओवरफ्लो हो रही हैं। यही वजह है कि स्टेशन वार्ड में कई जगह जलजमाव होता है। उसमें से एक शुक्लहा बस्ती भी है।

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जहां तक नालियों की बात है तो यहां पर नालियां नहीं बल्कि कहें कि बड़े- बड़े नाले हैं। जो आस- पास की नालियों से जुड़े हैं। अब तो इस क्षेत्र में सीवर का निर्माण होने से नागरिकों को काफी राहत है नहीं तो गर्मी हो या बरसात हर समय जलजमाव की समस्या बनी रहती थी। यह अति व्यस्त मार्ग है। इस पर अधिकतर व्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं। संभवत: यही वजह है कि नालियों का अतिक्रमण कर लिया गया है। नालियों पर पटरियां रखकर उसे एक तरह से बंद कर दिया गया है। इस क्षेत्र में अधिकांश लोगों ने बो¨रग करा रखा है इसलिए पानी का प्रयोग भी बेतहाशा होता है। जब घरों से निकले पानी को निकासी का रास्ता नहीं मिलता है तो वह सड़क पर ही आता है और नतीजे में जलजमाव स्वाभाविक रूप से होता है। इसमें एक समस्या यह है कि अधिकांश नालियां पत्थरों की बनी हुई हैं। दशकों पुरानी नालियों की मरम्मत तो हो गई लेकिन उनका वास्तविक रूप बदला नहीं गया। वह पुराने जमाने की नालियां हैं जिनमें एक सफाई कर्मचारी मशक में पानी लेकर डालता था और दूसरा झाड़ू से नाली साफ करता था। अब तो नालियों में इतनी सिल्ट रहती है कि उसमें झाड़ू चल ही नहीं सकती।

इंटरला¨कग ब्रिक्स भी रोक रहे राह

इस बस्ती की पटरियों पर जो इंटरला¨कग ब्रिक्स लगाए गए हैं वह भी पानी को रोकते हैं। वजह उसकी यह है कि सड़क की सतह कुछ नीची और इन ब्रिक्स का लेवल कुछ ऊपर हो गया है। इन ब्रिक्स को सड़क की सतह से कम से कम आधे इंच की ढाल पर होना चाहिए ताकि पानी सड़क पर आए तो वह सीधे सरक कर नाली में चला जाए लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा जिससे कि जलजमाव का संकट उत्पन्न हो जाता है। इसी के पास ही एक पोखरा भी है जो सिल्ट से भरा हुआ है। कई बस्तियों का पानी इसमें आता है। इसकी भी सफाई हो जाए तो जलजमाव कुछ कम हो।

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बोले नागरिक

इस बस्ती में जल जमाव की समस्या बहुत पुरानी है। हम लोग तो अब आदि हो चुके हैं। यह हो रहा था कि सीवर पड़ने से कुछ राहत मिलेगी लेकिन अब तो सीवर भी पड़ चुका लेकिन कोई खास राहत नहीं मिल सकी। अब देखते हैं कि बरसात में क्या होता है।

- सुनील सोनकर, शुक्लहा। जलजमाव से बहुत परेशानी होती है। सड़क पर तो पानी नहीं के बराबर रहता है लेकिन बस्तियों में परेशानी होती है। बारिश के दिनों में तो काफी सोच समझकर बाहर निकलना पड़ता है। नाली की सफाई भी प्राय: नहीं ही होती है। इससे समस्या और बढ़ती है।

- संजय गौतम, शुक्लहा। पानी की निकासी का रास्ता ठीक नहीं है। बारिश के दिनों में बहुत परेशानी होती है। इसके लिए कई बार नगर पालिका के अधिकारियों से कहा गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बरसात में घर से निकलना मुश्किल हो जाता है।

- राजेंद्र कुमार, स्टेशन रोड। मोहल्ले की नालियों की सफाई तो हो ही नहीं रही है। इसके साथ ही कई सालों से बड़े नालों की वार्षिक सफाई नहीं हो पा रही है। इससे भी काफी असर पड़ रहा है। इसके कारण भी मोहल्ले का पानी रूक रहा है।

- रवि, स्टेशन रोड। आम तौर पर तो जलजमाव नहीं होता लेकिन जब पानी बरसता है तो जलजमाव तय है। चूंकि यह रास्ता रेलवे स्टेशन भी जाता है इसलिए इस मार्ग पर प्राय: आवागमन बना रहता है। रात में यात्रियों को काफी परेशानी होती है7

- संजय, स्टेशन रोड। जलजमाव की समस्या बहुत पुरानी है। इसके लिए कई बार अधिकारियों से कहा गया लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पूरी व्यवस्था ही ध्वस्त हो गई है। अब नया बोर्ड बना है तो आशा है कि कुछ काम होगा।

- बबलू कौशल, स्टेशन रोड। वर्जन .

वार्ड में इस समस्या से निजात पाने के लिए 25 लाख रुपये का प्रस्ताव किया गया है। बोर्ड ने इसको पास करने का आश्वासन दिया है। यदि यह काम हो जाता है तो जलजमाव की समस्या से हमेशा- हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी।

- सुरेश मौर्य, सभासद, स्टेशन रोड वार्ड।


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