राम कथा जीवन जीने की सिखाती है कला : देवजी
विकास खंड के बरीसलाहपुर गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीराम कथा के विश्राम दिवस पर कथा वाचक ने श्रोताओं को राम राज्याभिषेक? की कथा का रसपान करा भाव विभोर कर दिया। कथा वाचक पंडित देवजी महराज ने श्रोताओं को कथा से जोड़ते हुए कहा कि श्रीराम कथा मानव को जीने की कला सिखाती है।
जासं, जमालपुर (मीरजापुर) : विकास खंड के बरीसलाहपुर गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीराम कथा के विश्राम दिवस पर कथा वाचक ने श्रोताओं को राम राज्याभिषेक की कथा का रसपान करा भाव विभोर कर दिया। कथा वाचक पंडित देवजी महराज ने श्रोताओं को कथा से जोड़ते हुए कहा कि श्रीराम कथा मानव को जीने की कला सिखाती है। मनुष्य को जीवन में सकारात्मक भाव रख कर प्रत्येक कार्य करना चाहिए। क्योंकि मनुष्य का जीवन काफी कठिनाई से प्राप्त होता है। मनुष्य को फल की चिता किए बिना अपना कर्म करते रहना चाहिए। कलियुग में श्रीराम कथा संजीवनी बूटी के समान है जो मनुष्य सच्चे हृदय से कथा का श्रवण करता है उसका उद्धार हो जाता है। कथा के अंत में हवन-पूजन एवं आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान जितेंद्र गुप्ता, हरवंश सिंह, बैजनाथ कुमार, दया शंकर पाठक, ओमकार नाथ पाठक, सदानंद सिंह, रामबदन, मंजुल, बबलू पाठक, दुर्गा सिंह आदि थे।