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गरौड़ी का शिव मंदिर

अदलहाट बाजार के पास वाराणसी- शक्तिनगर मार्ग के किनारे गरौड़ी गांव में शिवजी का प्राचीन मंदिर आस्था एवं श्रद्धा का केंद्र है। सड़क के किनारे ही होने के कारण यहां पर सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 11:34 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 11:34 PM (IST)
गरौड़ी का शिव मंदिर
गरौड़ी का शिव मंदिर

जासं, मीरजापुर :

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अदलहाट बाजार के पास वाराणसी- शक्तिनगर मार्ग के किनारे गरौड़ी गांव में शिवजी का प्राचीन मंदिर आस्था एवं श्रद्धा का केंद्र है। सड़क के किनारे ही होने के कारण यहां पर सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। वाराणसी से यह दूरी और भी कम है। प्रतिदिन हजारों शिवभक्त इस मंदिर में आकर दर्शन पूजन करते हैं। सावन के महीने में यह भीड़ कुछ अधिक ही हो जाती है। इतिहास

इस मंदिर का इतिहास ढाई सौ वर्ष से भी अधिक प्राचीन बताया जाता है। ढाई सौ वर्ष पूर्व गरौड़ी को गिरीडीह के नाम से जाना जाता था। यहां पर उस समय गोसाई (गिरी) रहते थे। मंदिर का निर्माण जमुना बाबा ने कराया था। इसके बारे में बहुत सी कहानियां प्रचलित हैं। सावन के महीने में इस शिव मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है। वाराणसी मार्ग पर होने कारण हर जगह से दर्शनार्थियों का रेला उमड़ता रहता है। बताया जाता है कि आसपास के भक्तों को भी शिव का दर्शन हो। इसलिए इस शिवालय का निर्माण कराया गया। महत्व

आम तौर पर प्राचीन मंदिरों के बारे में होने वाली कहानियों की तरह इस शिव मंदिर के बारे में भी कई कहानियां प्रचलित हैं। इस मंदिर में जलाभिषेक का अपना अलग महत्व है। बेलपत्र व गंगाजल से अभिषेक करने पर शिव की कृपा मिलती है। ऐसा माना जाता है। इसके अलावा भी भक्त अपनी मान्यतानुसार भगवान का अभिषेक करते रहते हैं। आसपास के लोगों को यह मानना है कि इस मंदिर से कोई याचक निराश नहीं लौटा। सभी को उसके अनुसार फल की प्राप्ति होती है। विशेषकर सावन माह में शिव की कृपा और भी बढ़ जाती है। इसलिए सावन में यहां पर भीड़ भी बढ़ जाती है। सावन में यहां पर शिवचर्चा का भी आयोजन किया जाता है। पूरी होती है मनोकामना

भोलेनाथ को श्रद्धापूर्वक जो जल चढ़ाता है उसकी मनोकामना पूरी होती है। यह मंदिर अति प्राचीन एवं पौराणिकता को समेटे हुए क्षेत्र का एकमात्र शिव मंदिर है। सावन में मंदिर में विशेष आयोजन भी किए जाते हैं। इसमें क्षेत्रीय श्रद्धालु भी सहयोग करते हैं।

- संकठा प्रसाद, पुजारी। शिव की महिमा अपरंपार है

इस मंदिर की महिमा अपरंपार है। जो भी यहां आया उसकी झोली बाबा ने भर दी। यहां से कोई खाली हाथ नहीं गया। पूरी श्रद्धा के साथ आने वाले भक्तों का भोलेनाथ कल्याण करते हैं।

- रामचंद्र गुप्ता, श्रद्धालु।


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