पहले दिन खाली खाली रवाना हुई रोडवेज बसें
रोडवेज परिसर से चलने वाली बसे पहले दिन खाली खाली रही। बनारस प्रयागराज व सोनभद्र जाने वाली बसों में नाम मात्र के यात्री सवार हुए । यात्रियों की कमी का मुख्य कारण कोरोना महामारी और जानकारी कम होने की बात कही गई। बताया गया कि जैसे जैसे यात्रियों को पता
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : रोडवेज परिसर से चलने वाली बसे पहले दिन खाली खाली रही। बनारस, प्रयागराज व सोनभद्र जाने वाली बसों में नाम मात्र के यात्री सवार हुए। यात्रियों की कमी का मुख्य कारण कोरोना महामारी और जानकारी कम होने की बात कही गई। बताया गया कि जैसे जैसे यात्रियों को पता चलेगा कि बस चलने लगी हैं वैसे वैसे इनकी संख्या में भी इजाफा होगा। लेकिन पहले जैसी स्थिति नहीं रहेगी क्योंकि कोरोना उनके डर का कारण बना रहेगा।
दो महीने छह दिन बाद सोमवार को रोडवेज परिसर चलने वाली बसों में यात्रियों को बैठाकर रवाना करने के लिए राजकीय परिवहन निगम की ओर से पूरी तैयारी की गई थी। परिसर में बैरिकेटिग किया गया था जिससे यात्री बाहर से सीधे टिकट काउंटर के पास पहुंचे। जहां पर उनकी जांच की जा रही थी। इसके बाद उन्हें काउंटर के पास भेज जा रहा था। वहां यात्री टिकट खरीदकर सीधे बस में बैठने के लिए चले जा रहे थे। इससे शारीरिक दूरी का भी पालन हो रहा था। यहीं नहीं इससे उनकी जांच करने में भी आसानी हुई। वैसे को लॉकडाउन के दौरान गैरजनपद से आने वाले यात्रियों को उनके घर तक रोडवेज की बसों ने पहुंचाने का काम किया लेकिन एक जून को पहली बार अपने रूटीन वाले कार्यो पर निकली। हालांकि यात्रियों की तादात काफी कमी होने के कारण बसे खाली खाली रही। इसके पीछे कोरोना महामारी व जानकारी कम होने की बात बताई गई। बताया गया कि जैसे जैसे यात्रियो को बस चलने की जानकारी होगी वे यहां पर जरुर आएंगे। इससे उनकी संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी। पहले दिन चली 18 गाड़ियां, नहीं मिले यात्री
लॉकडाउन में मिले छूट के बाद रोडवेज की पहले दिन 18 बसे विभिन्न रूटों के लिए रवाना हुई। इसमें सोनभद्र, प्रयागराज, लखनऊ, ड्रमंडगंज, बनारस, चंदौली के बबुरी, मनिगढ़ा, आदि स्थान शामिल है। पहले दिन डेढ़ सौ सवारियों ने किया सफर
रोडवेज बसों के संचालन के पहले दिन डेढ़ सौ यात्रियों ने सफर किया। जिनसे लगभग 55 हजार रुपये का किया वसूल किया गया। यात्रियों की संख्या कम देख सात बजे के बाद कोई गाड़ी रवाना नहीं की गई। बताया गया कि सवारी होने के बाद ही गाड़ियों को भेजा जाएगा।