Road Safety in Mirzapur : अंधेरे में हाईवे, ब्लैक स्पाट और अवैध कट उजाले में बन रहे मौत के सबब
मीरजापुर से करीब 326 किलोमीटर हाईवे गुजरा है जो मध्य प्रदेश झारखंड राज्य के साथ ही वाराणसी चंदौली सोनभद्र प्रयागराज भदोही जैसे जनपदों को जोड़ता है। इनमें से लगभग 190 किलोमीटर स्टेट हाईवे तो 136 किलोमीटर के आसपास नेशनल हाईवे है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जनपद से करीब 326 किलोमीटर हाईवे गुजरा है जो मध्य प्रदेश, झारखंड राज्य के साथ ही वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, प्रयागराज, भदोही जैसे जनपदों को जोड़ता है। इनमें से लगभग 190 किलोमीटर स्टेट हाईवे तो 136 किलोमीटर के आसपास नेशनल हाईवे है।
जागरण की टीम ने इन रूटों की पड़ताल की। इस दौरान पाया गया कि करीब 55 किलाेमीटर तक ही हाईवे पर रोशनी की व्यवस्था है। इनमें सबसे ज्यादा फ्लाईओवर पर रोशन की व्यवस्था की गई। इसके बाद अंधेरा ही अंधेरा। इसके अलावा इन हाईवे पर अवैध कट भी बनाए गए हैं जो हर मिनट दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। वहीं ब्लैक स्पाट की बात करें तो यहां भी दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
लगभग 65 से ज्यादा अवैध कट
जनपद से गुजरने वाले हाईवे की पड़ताल की गई तो पता चला कि लगभग 65 से ज्यादा अवैध कट ऐसे बनाए गए हैं जो कभी भी दुर्घटना के कारण बन सकते हैं। इसे ग्रामीणों ने भले ही अपनी सुविधा के लिए बना लिया हो, लेकिन यह खतरे से खाली नहीं है।
लालगंज के बामी गांव, पतुलखी, चेरुईराम आदि स्थानों पर अवैध कट देखने को मिले। इसके अलावा छानबे विकास खंड क्षेत्र से गुजरने वाले हाईवे पर लगभग आधा दर्जन अवैध कट, गैपुरा चौराहे से पूर्व हाईवे से विजयपुर जाने के लिए बनाया गया अवैध कट, राष्ट्रीय राजमार्ग पथरहा गांव के समीप व दूबेपुर बसारी गांव के सामने समेत भावां, सीखड़, पटेहरा क्षेत्र में अवैध कट मिले तो दुर्घटना को दावत दे रहे थे। इन अवैध कट से सबसे ज्यादा लोग रांग साइड से निकलते दिखे।
22 ब्लैक स्पाट अभी भी बने खतरा
जनपद में पहले 43 से ज्यादा ब्लैक स्पाट चिह्नित किए गए थे जहां पर न चाहते हुए भी हादसे हुए। हालांकि इनमें से 24 ब्लैक स्पाट पर सुधारीकरण का कार्य कराया गया है। अब पुराने व नए मिलाकर कुल 22 ब्लैक स्पाट बचे हैं जहां कार्य करना है। ब्लैक स्पाट ऐसे स्थान है जहां हादसों में दूसरे वाहन से टक्कर होती है तो कहीं पर ड्राइवर को समझ ही नहीं आता और दुर्घटना हो जाती है।
ब्लैक स्पाट में दो बरकछा पहाड़ी और साधो-माधो सेतु सीखड़ पीडब्ल्यूडी के तहत आते हैं। यहां पर सूचना बोर्ड व पीली पट्टी लगाकर पहले ही लोगों को सचेत किया गया है। इसके अलावा नटवा व पुरजागीर चौराहा सहित तीन ब्लैक स्पाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर, दो ब्लैक स्पाट राष्ट्रीय राजमार्ग दो और अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग सात के तहत आते हैं।
ज्यादा जगहों पर लाइट की व्यवस्था नहीं
नेशनल हाईवे 76 व 135 की बात करें तो इनसे गुजरने वाले करीब 30 से ज्यादा फ्लाईओवराें पर लाइट की व्यवस्था तो की गई है लेकिन फ्लाईओवर से नीचे उतरते ही अंधेरा हो जाता है। कुछ जगहों पर लाइट लगाई भी गई है तो वह महीनों से जल नहीं रही।
जिगना चौराहे, सेमरी मोड, जिगना बारी मोड़, कुशहा मोड़ आदि जगहों पर लाईट की जरूरत है। दुद्धी-लुंबिनी मार्ग पर भावां बाजार वह स्थान है जहां अंधेरा होने के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। यहां पर लगा सोलर लाइट्स 2 वर्षों से खराब है। इसके अलावा विकासखंड सीखड़ से गुजरने वाले स्टेट हाईवे पर कही भी लाइट की व्यवस्था नहीं है। लालगंज कलवारी रोड के पथरौर चौराहे पर स्ट्रीट लाइट नहीं देखने को मिली।
सकरी सड़कें भी दे रहीं धोखा
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता देवपाल के मुताबिक जनपद में बाटल नेक कोई नहीं है लेकिन कुछ जगहों पर थोड़ी बहुत सकरी जरूर है। इनमें मीरजापुर औराई मार्ग के शास्त्री पुल के पास व एनएच 70ई के महड़रा पुल पर सकरा रास्ता है जो चालकों के लिए परेशानी का सबब बनता है। हालांकि यहां पर उतनी दुर्घटनाएं नहीं हुई जितना ब्लैक स्पाट पर।
आकड़ों पर नजर डालें तो नेशनल हाईवे 135 व 76, नेशनल हाईवे 135ए, राजमार्ग 5 और 5ए पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं। इसके अलावा जिवनाथपुर-कंचनपुर स्टेट हाइवे पर जलालपुर चौराहा, लालगंज के बसही गांव, छानबे ब्लाक में नेशनल हाईवे 76ई के भाऊसिंह के पूरा से जोड़ने वाला मोड़, पटेहरा ब्लाक में अंधा मोड़, पथरहा व दूबेपुर बसारी गांव, लालगंज-कलवारी रोड का कलभुतवा चौराहा आदि स्थानों पर हादसे हुए। वहीं हलिया के ड्रमंडगंज घाटी के बड़का मोड़ पर सबसे ज्यादा हादसा होता है।
कहीं सड़क ऊंची तो कहीं नीची
विशेषज्ञाें की मानें तो खानपुर से मुंदीपुर के बीच स्टेट हाईवे की डिजाइन गलत है। सड़क कहीं पर अचानक से नीची हो गई है तो कहीं पर ऊंची हो गई है। ऐसे में हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता। स्टेट हाईवे पर पचरांव खानपुर और मुंदिपुर मोड़ पर कोई रिफ्लेक्टर भी नहीं लगाया गया है जिससे चालक समझ नहीं पाते। इसके अलावा हाइवे पर जगह-जगह पटरी भी नहीं बची है और सड़क के दोनों तरफ बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं।