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पर्सनल इनकम पर टैक्स कम करे सरकार तो लोगों को मिले राहत

सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले आम बजट पर आम जनमानस के साथ ही विशेषज्ञ चाटर्ड एकाउंटेंड की भी निगाहे हैं। चाटर्ड एकाउंटेंट द्वारा व्यापार की मजबूती के लिए जीएसटी के चार स्लैबों में सुधार के साथ ही जीएसटी फार्म भरने के सरलीकरण की दरकार है। सीए के अनुसार कंपनी पर टैक्स कम किया गया था अब सरकार को पर्सनल इनकम टैक्स कम करना चाहिए जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे खर्च करने के लिए जिससे मांग बढ़ सके और मंदी से छुटकारा मिले।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 20 Jan 2020 12:13 AM (IST)
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पर्सनल इनकम पर टैक्स कम करे सरकार तो लोगों को मिले राहत

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले आम बजट पर आम जनमानस के साथ ही विशेषज्ञ चाटर्ड एकाउंटेंड की भी निगाहे हैं। चाटर्ड एकाउंटेंट द्वारा व्यापार की मजबूती के लिए जीएसटी के चार स्लैबों में सुधार के साथ ही जीएसटी फार्म भरने के सरलीकरण की दरकार है। सीए के अनुसार कंपनी पर टैक्स कम किया गया था, अब सरकार को पर्सनल इनकम टैक्स कम करना चाहिए, जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे खर्च करने के लिए जिससे मांग बढ़ सके और मंदी से छुटकारा मिले।

व्यापार में लगने वाले लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को खत्म किया जाए, जिससे लोग शेयर मार्केट के प्रति आकर्षित हो। क्योंकि बचत योजनाओं पर ब्याज दर बहुत कम हो गई है और निवेश के लिए अवसर कम है। कंपनी पर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स खत्म किया जाए क्योंकि डिविडेंड पर टैक्स लगता ही है, इस तरह एक इनकम पर दो बार टैक्स लगता है, जो उचित नहीं है। रो•ागार बढ़ाने के उपाय किए जाए, इसके लिए छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए, जिससे रो•ागार पैदा हो सके। घर खरीदारों को छूट प्रदान की जाए जिससे मंदी झेल रहे रियल इस्टेट उद्योग को संजीवनी मिल सके और रो•ागार भी पैदा हो।

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पर्सनल इनकम टैक्स को सरकार कम करें, जिससे खर्च करने के लिए लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे। बाजार में मांग बढ़े और मंदी से छुटकारा मिल सके। लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को खत्म करने से लोग शेयर मार्केट के प्रति आकर्षित होंगे। वर्तमान में बचत योजनाओं पर ब्याज दर बहुत कम हो गई है और निवेश के लिए अवसर कम है।

- राजेश मिश्रा।

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व्यक्तिगत आयकर सरकार कम करें, जिससे करदाता के हाथ में खर्च करने के लिए अधिक पैसा है। करदाता अधिक खरीदारी कर सके। इससे देश की आर्थिक विकास दर में इजाफा होगा। उत्पादन खपत बढ़ने से रोजगार के अवसर बढ़ सकेंगे। इसी क्रम में आयकर की सीमा को ढाई लाख तक कर मुक्त और ढाई लाख से 10 लाख तक 10 प्रतिशत किया जाना है। इसके बाद 10 से 30 लाख तक 20 प्रतिशत और 20 लाख से अधिक पर 30 प्रतिशत आयकर होना चाहिए। 80सी की लिमिट को डेढ़ लाख से बढ़ाकर तीन लाख तक करना चाहिए।

- शैलेंद्र कटारे।

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आम बजट में पर्सनल आय पर शुल्क की सीमा बढ़ानी चाहिए और आयकर की दर को कम करना चाहिए। जैसा की कंपनियों के लिए पिछले आम बजट में कम किया गया था। आम बजट में आम नागरिकों को सुविधा मिल सके।

- शरद बंका।

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होम लोन और एजूकेशन लोन पर सरकार को ब्याज की छूट की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए। इनकम टैक्स स्लैब पर और भी छूट देकर लोगों को राहत देनी चाहिए। सीनियर सीटिजन के लिए खासकर मेडिकल खर्च पर सरकार को इनकम टैक्स में छूट प्रदान करना चाहिए।

- स्वाति गोयनका।

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मंदी की अर्थव्यवस्था चल रही है। सरकार मध्यम वर्गीय लोगों को कर में राहत देना चाहिए। सरकार को चाहिए की वह टैक्स रेट में कमी करें। जिससे लोगों के पास खरीदारी के लिए पैसा रहे। सरकार को रोजगारपरक योजना बनानी चाहिए। इससे ही आर्थिक मंदी के दौर से उबरा जा सकता है।

- आलोक कटारे।

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सरकार द्वारा पिछले वर्ष कंपनियों के टैक्स दरों में काफी घटोत्तरी की गई है। जिसके सामने पाटनर्रशिप फर्मो का टैक्स काफी ज्यादा है। सरकार इनको छूट देने का प्राविधान करें, जिससे संबंधित फर्म कार्य कर सके । मीरजापुर में व्यापार धीरे धीरे समाप्त हो रहे है, इसके लिए सरकार कार्पेट और पीतल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्राविधान लाए।

- बृजभूषण गोयनका।

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विध्याचल मंडल में पंजीकृत व्यापारी - 20 हजार

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आम बजट में इन पर सरकार दे ध्यान

- पाटनर्रशिप फर्मो को टैक्स में रियायत दे सरकार

- होम लोन व शिक्षा लोन पर छूट की दरकार

- कार्पेट व पीतल व्यवसाय को बढ़ावा मिले।

- आयकर में मध्यमवर्गीय परिवार को राहत दे।

- पर्सनल इनकम पर कम हो टैक्स

- लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स हो खत्म

- शेयर मार्केट के प्रति आकर्षण को करे व्यवस्था।

- कंपनी पर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स खत्म हो।

- घर खरीदारों को छूट प्रदान किया जाए।